BIHAR: मतदाता सूची के Special Intensive Revision के दौरान हुए चौंकाने वाले खुलासे...जानें किन-किन देशों के लोग मतदाता सूची में

Update: 2025-07-13 11:43 GMT

पटना। बिहार में मतदाता सूची के Special Intensive Revision के दौरान निर्वाचन आयोग ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, बिहार में गहण पुनरीक्षण के दौरान घर-घर जाकर किए गए सत्यापन में बीएलओ को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से आए लोग भी मतदाता सूची में मिले हैं। इन नामों को फाइनल सूची से हटाने की कवायद चल रही है।

30 सितंबर 2025 को अंतिम सूची जारी किया जायेगा

चुनाव आयोग के मुताबिक कि 1 अगस्त 2025 के बाद, उचित जांच होने के बाद उनके नाम 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होने वाली अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे। मुमकिन है कि 30 सितंबर के बाद आयोग हटाये गए नामों की संख्या के आंकड़े भी प्रकाशित करे। बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा के तहत मतदाता गणना फॉर्म जमा करने का काम अंतिम चरण पर है।

SIR का मकसद फर्जी नाम हटाना है

SIR का मकसद फर्जी नाम हटाना है, लेकिन ये कार्य थोड़ा चुनौतीपूर्ण है। इस प्रक्रिया से वैधानिक नागरिकों के नाम भी हट सकते है। बहुत से लोगों के मताधिकार छिन सकते हैं।

विपक्ष का आरोप प्रत्यारोप

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया वोट बैंक को प्रभावित करने की रणनीति है। बड़ी संख्या में BLA की नियुक्ति होना साथ ही दस्तावेज संबंधी सख्ती को इस संदर्भ में देखा जा रहा है। विपक्ष ने कई याचिकाओं के द्वारा राज्य की प्रक्रिया को चुनौती दी है, जिसमें आधार और राशन कार्ड को पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने की मांग भी शामिल है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आधिकारिक घोषणा की

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने लोगों को दिलासा दिया है कि सभी योग्य मतदाताओं के नाम सुनिश्चित रूप से शामिल होंगे और जांच प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी ।

80 फीसद मतदातओं के काम पूरे हो चुके हैं

अब तक 80 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने बारे में आवश्यक जानकारी यानी नाम, पता, जन्मतिथि, आधार नंबर, वोटर पहचान पत्र नंबर सहित दर्ज कर फॉर्म जमा कर दिए हैं। हालांकि आयोग ने इस काम के लिए अंतिम तिथि 25 जुलाई तय की हुई है। BLO के द्वारा जो दस्तावेज मांगे जा रहे वो इस प्रकार हैं -

BLO द्वारा मांगे गए दस्तावेजों की सूची

- मान्यता प्राप्त बोर्ड या विवि के शैक्षिक प्रमाण पत्र

- जाति प्रमाण पत्र

- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी)

- पासपोर्ट

- राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकार द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर

- बैंक, डाकघर, एलआईसी आदि द्वारा 1 जुलाई 1987 के पूर्व निर्गत किया गया कोई भी प्रमाण पत्र

- वन अधिकार प्रमाण पत्र

- नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगी कर्मियों का पहचान पत्र

- स्थाई निवास प्रमाण पत्र

- सरकार की कोई भी भूमि या मकान आवंटन का प्रमाण पत्र

- सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र

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