बिहार मतदाता सूची में संशोधन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई! जानें विपक्ष का क्या है आरोप

विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इससे कुछ दस्तावेजों के अभाव में बड़ी संख्या में पात्र लोग सूची से बाहर हो सकते हैं;

By :  Aryan
Update: 2025-07-10 05:57 GMT

नई दिल्ली। बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता सूची में संशोधन को विपक्ष जमकर आरोप लगा रहा है। यहां तक कि इसे मनमाना और असंवैधानिक करार दिया है। इसे लेकर उनकी तरफ से दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं चुनाव आयोग के खिलाफ याचिका दायर करने वालों में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), योगेंद्र यादव, TMC सांसद महुआ मोइत्रा और अन्य राजनीतिक पार्टी भी शामिल हैं।

विपक्षी दलों ने लगाया यह आरोप

बता दें कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हालांकि देश में पहले भी मतदाता सूची में सामान्य संशोधन किए जा चुके हैं। लेकिन महुआ मोइत्रा सहित विपक्ष के नेताओं का मानना है कि यह एसआईआर जैसा कि अधिसूचित किया गया है। देश में पहली बार किया जा रहा है, जहां सभी मतदाताओं को फिर से अपनी पात्रता साबित करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इससे कुछ दस्तावेजों के अभाव में बड़ी संख्या में पात्र लोग सूची से बाहर हो सकते हैं।

सभी अपात्र मतदाताओं को हटाना है

बता दें कि निर्वाचन आयोग ने 24 जून को मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा की। इसका घोषित उद्देश्य सभी पात्र मतदाताओं को शामिल करना और सभी अपात्र मतदाताओं को हटाना है। आयोग ने हाल ही में 18 वर्ष के हुए या पहले पंजीकरण नहीं करा सके लोगों के जुड़ने और मौतों की कम रिपोर्टिंग का हवाला देते हुए उचित ठहराया है। इसमें विदेशी अवैध प्रवासियों के मतदाता बनने की बात भी कही गई है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि जिन्हें हटाया जाना जरूरी है।

निर्वाचन आयोग का लक्ष्य 1 अगस्त तक मतदाता सूची का मसौदा तैयार करना है। जिसके बाद आपत्तियां और जांच की जाएगी। चुनाव आयोग ने ​​दावा किया है कि वर्तमान 7.9 प्रतिशत मतदाताओं में से 57 प्रतिशत से अधिक ने नए गणना फार्म जमा कर दिए हैं, जिनकी अब जांच की जाएगी।

Tags:    

Similar News