India-Pakistan War: जम्मू में धमाकों से मचा हड़कंप

रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए 8 मिसाइलों को समय रहते रोक लिया। ये मिसाइलें जम्मू के सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया की तरफ भेजी गई थीं। भारतीय रक्षा बलों ने इन्हें तय प्रक्रियाओं के तहत नष्ट कर दिया।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-05-09 19:30 GMT

शुक्रवार की शाम जम्मू में जोरदार धमाकों की आवाज सुनाई दी, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इन धमाकों से पहले इलाके में एयर रेड सायरन बजाए गए और ब्लैकआउट कर दिया गया था।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए 8 मिसाइलों को समय रहते रोक लिया। ये मिसाइलें जम्मू के सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया की तरफ भेजी गई थीं। भारतीय रक्षा बलों ने इन्हें तय प्रक्रियाओं के तहत नष्ट कर दिया।

रक्षा मंत्रालय की ओर से 'एकीकृत रक्षा स्टाफ' के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से जानकारी दी गई कि जम्मू, पठानकोट और उधमपुर स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ।

धमाकों की आवाज सुनते ही स्थानीय लोग सहम गए और कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर घरों की ओर रुख किया। कुछ लोगों ने बताया कि धमाकों से पहले आसमान में लाल रोशनी और उड़ते हुए ऑब्जेक्ट्स देखे गए। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने तस्वीरें और वीडियो शेयर कर दावा किया कि मिसाइलें उनके घरों के ऊपर से उड़ रही थीं।

पूर्व डीजीपी शेषपाल वैद ने लिखा कि जम्मू में पूर्ण अंधेरा था और विस्फोट की आवाजें सुनी गईं, लेकिन देश की सुरक्षा में तैनात सेना पर पूरा भरोसा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि सीमा के पास रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रही हैं।

इस घटनाक्रम के एक दिन पहले ही भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। ये ठिकाने खुफिया जानकारी के आधार पर चुने गए थे, जो देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे।

इन हमलों में नियंत्रण रेखा के पार 9 से 30 किलोमीटर भीतर स्थित पांच कैंप और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार 6 से 100 किलोमीटर के भीतर मौजूद चार स्थानों को निशाना बनाया गया।

इस सैन्य कार्रवाई की पृष्ठभूमि 26 लोगों की हत्या के उस हमले से जुड़ी है जो दो हफ्ते पहले पहलगाम में हुआ था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा बलों को स्वतंत्र रूप से जवाब देने की अनुमति दी थी, जिसमें कार्रवाई का तरीका, स्थान और समय चुनने का अधिकार उन्हें दिया गया था।

Tags:    

Similar News