Subhansu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 क्रू को धरती पर वापस आने में हो सकता है देर, जानें क्या है वजह
ESA और नासा ने कहा कि मौसम की स्थिति को देखते हुए वापसी को 14 जुलाई तक टाला जा सकता है;
नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 क्रू की धरती पर वापस आने के कयास 14 जुलाई तक लगाए जा रहे हैं। इसका कारण फ्लोरिडा तट पर खराब मौसम के साथ ISS में प्रेशर लीक की जांच करना भी बताया जा रहा है। तकनीकी जांच नेम लगभग 3 से 4 दिन लग सकते हैं। वापसी में ड्रैगन कैप्सूल अनडॉकिंग, री-एंट्रीऔर अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन होगा ।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS पर हैं
भारतीय अंतरिक्ष यात्री कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 12 दिनों से हैं। यह मिशन 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च हुआ था। शुभांशु और उनके सहयोगी अंतरिक्ष यात्री कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोस उज़नान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कपु (हंगरी) mid July में कभी भी धरती पर लौट सकते हैं।
यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने दी जानकारी
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के हिसाब से कि उनकी वापसी 14 जुलाई से पहले संभव नहीं है, यानी 3-4 दिन की देरी हो सकती है। आइए जानते हैं कि देरी के कारण क्या है? धरती पर आने के लिए क्या-क्या तैयारी जाती है।
वापसी में देरी की वजहें
कैप्टन शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 क्रू को धरती पर वापस आने में 3-4 दिन की देरी हो सकती हैं, जिसका कारण तकनीकी और मौसमी कारकों की खराबी हो सकती है।
खराब मौसम
Axiom-4 क्रू SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल धरती पर लौटने से पहले फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर या मैक्सिको की खाड़ी में सॉफ्ट स्प्लैशडाउन (पानी में उतरना) करेगा। लेकिन इस बीच इस क्षेत्र में तेज हवाएं, बारिश या तूफान जैसी मौसमी परेशानियां होंगी तो स्प्लैशडाउन सुरक्षित नहीं हो सकता। ESA और नासा ने कहा कि मौसम की स्थिति को देखते हुए वापसी को 14 जुलाई तक टाला जा सकता है।