नकली जीवन रक्षक दवाइयों का कारोबार बढ़ता जा रहा है, जाने क्या है कारण
-नकली जीवन रक्षक दवाइयों का कारोबार बढ़ता जा रहा है, सरकार उठाए सख्त कदम
नीरज पाल
गाजियाबाद। गाजियाबाद में नकली जीवन रक्षक दवाइयों का कारोबार बढ़ता जा रहा है, जो थमने वाला नहीं है। हाल ही में साहिबाबाद थाना क्षेत्र में नकली जीवन रक्षक दवाइयों के बड़े कारोबार का भंडाफोड़ हुआ था। कारोबारियों का कहना है कि नकली जीवन रक्षक दवाइयों का कारोबार बढ़ने का एक नहीं कई कारण है। माना जा रहा है कि जीएसटी व्यवस्था लागू कर दी गई है।
जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद अंडमान निकोबार से भी पर्चे के आधार पर दवाइयों की खरीद की जा सकती है लेकिन जब देश की जानी मानी अधिकांश कंपनियों के स्टॉकिस्ट द्वारा गाजियाबाद में सेंटर स्थापित किए गए तो फिर दिल्ली आदि से जीवन रक्षक दवाइयों की खरीद पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। जीवन रक्षक दवाइयों के कारोबार में सबसे बड़ा झोल तो जेनेरिक दवाइयों के रेट पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होना है। बड़ी संख्या में ऐसी जेनरिक दवाइयां है, जिनके पत्ते पर प्रिंट रेट 100 होता है, जबकि मार्केट में वहीं दवाइयों का पत्ता केवल बीस रुपए में उपलब्ध हो जाएगा।
जेनेरिक दवाइयों के रेट पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने का एक बड़ा कारण ये भी है कि बहुत से केमिस्ट के यहां दवाइयों पर बीस से तीस फीसदी की छूट के बोर्ड देखे जा सकते हैं। कारोबारियों की मानें तो पिछले कुछ समय से सेमी स्टॉकिस्ट की संख्या बढ़ रही है। इन सेमी स्टॉकिस्ट के माध्यम से नकली दवाइयों का कारोबार बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। आल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रग्स एसोसिएशन के सदस्य एवं दवा विक्रेता समिति गाजियाबाद के महामंत्री प्रदीप राणा ने कहा कि खुशी इस बात की है कि जिन ड्रग इंस्पेक्टरों की तैनाती की गई है, वह हर पल चौकन्ने रहते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण पहलू ये है कि अभी तक ऐसे उपकरण की व्यवस्था नहीं की गई है जो ये बता दे कि दवा असली है या नकली। उन्होंने इस बात को लेकर भी जोर दिया कि जो दवा दिया जा रहा है कि जन औषधि केंद्रों पर दवाइयों के रेट पर छूट की व्यवस्था की गई है लेकिन देखा जाए तो छूट है कहां।