बाघ की क्रूरता: हाथी को झुंड से अलग कर चार दिन तक भूखा-प्यासा दौड़ाया, फिर ली जान
रामपुर। बिजरानी रेंज में करीब 20 वर्षीय नर हाथी का शव सफारी वाले रास्ते पर पाया गया। जिसका कारण बाघ द्वारा लगातार किए गए हमले थे। अधिकारियों के अनुसार, बाघ ने सबसे पहले हाथी के पैर पर हमला किया। जिससे हाथी असहज हो गया और उसका झुंड उससे अलग हो गया और फिर बाघ बार-बार हाथी पर हमला करने लगा।
हाथी ने अपनी जान बचाने के लिए चार दिन तक जंगल में भूखा-प्यासा इधर-उधर दौड़ता रहा, ताकि वह बाघ से बच सके। वन कर्मियों को इस पूरी घटना की जानकारी थी और वे दोनों के बीच की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे।
राहुल मिश्रा, उपनिदेशक, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने बताया कि हाथी के खून के धब्बे मिले हैं। जिसका पोस्टमार्टम डॉ. दुष्यंत शर्मा और डॉ. राजीव कुमार ने किया।