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स्वामी श्रद्धानन्द के बलिदान दिवस पर निकली विशाल शोभा यात्रा

Shilpi Narayan
26 Dec 2025 5:51 PM IST
स्वामी श्रद्धानन्द के बलिदान दिवस पर निकली विशाल शोभा यात्रा
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हमारी संस्कृति की रक्षा गुरुकुलीय पद्धति से ही हो सकती है-डा. जयेंन्द्र आचार्य

गाजियाबाद। अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द जी के 99 वें बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में जिला आर्य प्रतिनिधि सभा आर्य केंद्रीय सभा एवं आर्य समाज नयागंज के संयुक्त तत्वावधान में शम्भू दयाल वैदिक सन्यास आश्रम दयानंद नगर गाजियाबाद में महायज्ञ का आयोजन कर शहर के मुख्य मार्गो से शोभा यात्रा निकाली गई। आर्ष गुरुकुल नॉएडा के कुलपति डा जयेंन्द्र आचार्य के ब्रह्मत्व में यज्ञ सम्पन्न हुआ,मुख्य यज्ञमान श्रीमती आशा रानी एवं प्रवीण आर्य,श्रीमती ममता चौहान एवं यज्ञ वीर चौहान रहें।

समाजों की सुन्दर झांकियां भी प्रस्तुत की गई

शोभा यात्रा का शुभारम्भ समाज सेवी विजय पाल कसाना ने ओ३म् ध्वज दिखाकर किया।विशाल शोभा यात्रा गांधी नगर,चौधरी मोड़,रेलवे रोड, बजरिया, घंटाघर, चौपला, दिल्ली गेट, ठाकुर द्वारा होते हुए गुरुकुल पटेल मार्ग के प्रांगण में जनसभा में परिवर्तित हुई। समारोह में जनपद गाजियाबाद हापुड़, ग्रेटर नोएडा के कोने कोने से सैकड़ों आर्य प्रतिनिधियों ने उत्साह से भाग लिया। मार्ग में जिला गाजियाबाद से पधारे विभिन्न आर्य समाजों, स्कूलों के हज़ारों गणमान्य लोगों का व्यापारियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। शोभा यात्रा के अन्तर्गत विभिन्न आर्य समाजों की सुन्दर झांकियां भी प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर आर्य बंधु बालिका विद्यालय इकला, आर्ष गुरुकुल नोएडा, गुरुकुल पटेल मार्ग, ततारपुर सन्यास आश्रम के छात्रों का व्यायाम प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।

देश का विकास नहीं हो सकता

गुरुकुल पटेल मार्ग के प्रांगण में बलिदान दिवस सम्मेलन का प्रारंभ सुरेंद्र पाल सिंह की अध्यक्षता में सर्वश्री ज्ञानेन्द्र सिंह आर्य ने ध्वजारोहण कर किया। बिजनोर से पधारे भजनोपदेशक पं. नरेश दत्त आर्य ने स्वामी श्रद्धानन्द का गुणगान भजनो के माध्यम से किया जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। महायज्ञ के ब्रह्मा डा जयेंन्द्र आचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द स्वामी दयानन्द के ऐसे शिष्य थे जिन्होंने ऋषियों की परम्पराओं का पालन करते हुऐ गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना हरिद्वार में की। उन्होंने बताया कि लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के द्वारा देश का विकास नहीं हो सकता, बच्चों में संस्कार व हमारी संस्कृति की रक्षा गुरु कुलीय पद्धति से ही हो सकती है।उन्होंने बताया कि स्वामी श्रद्धानन्द के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने जीवन में परमात्मा के प्रति श्रद्धा रखें और आर्य समाज के उत्थान में अपना तन मन और धन लगा दें।

हमें प्रेरणा देने का काम करता है

मुख्य अतिथि पवन सिंघल ने कहा इस सम्मेलन में जो कुछ आपने सुना है वह हमें प्रेरणा देने का काम करता है अतः स्वयं को और अगली पीढ़ी को आर्य समाज लेकर चलें। वैदिक विद्वान विष्णु मित्र वेदार्थी ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी का जीवन भटकते लोगों के लिये प्रकाश पुंज के समान है।हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश की एकता अखंडता के लिये कार्य करना चाहिए,यह गर्व की बात है कि आर्य समाज के लोगों में देश भक्ति का जज्बा कूट कूट कर भरा हुआ है जो अत्यंत प्रशंसनीय है।स्वामी श्रद्धानन्द राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की ज्वलंत मिसाल थे। स्वामी श्रद्धानन्द ने विश्व बंधुत्व का जो संदेश हम सबको दिया तथा नैतिकता का पाठ पढ़ाया वह केवल भारत के पास है,पूरे विश्व मे ओर कहीं नहीं मिलेगा।

भगवान आपके सारे कार्य पूर्ण करेंगे

सत्यवीर चौधरी ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद कहते थे यदि आपकी परमपिता परमात्मा में पूर्ण श्रद्धा है तो भगवान आपके सारे कार्य पूर्ण करेंगे। इस अवसर पर सर्वश्री श्रद्धानंद शर्मा, पवन सिंघल, सेवा राम त्यागी, कृष्ण शास्त्री ने भी अपने विचार रखे। सभा का कुशल संचालन कृष्ण देव आर्य ने किया। सभा के महामंत्री नरेन्द्र पांचाल जी ने दूर दराज से पधारे गणमान्य अतिथियों का शोभा यात्रा व सम्मेलन में पधारने पर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री योगी प्रवीण आर्य,तेज पाल सिंह आर्य,चौ.मंगल सिंह, सुभाष शर्मा, सुरेश गर्ग, सुरेश आर्य, वी के धामा, लक्ष्मण सिंह चौहान, त्रिलोक शास्त्री, शिल्पा गर्ग,नरेश आर्य, वेद प्रकाश आर्य प्रतिभा सिंघल आदि उपस्थित रहे।

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