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एक AE सौंदर्यीकरण के नाम पर डकार गया 7 करोड़! लखनऊ के EOW ने किया अरेस्ट, जानें पूरा मामला

लखनऊ। राजकीय निर्माण निगम के अवर अभियंता जितेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है। जितेन्द्र पर गाजीपुर के भदौरा ब्लॉक के कार्यों में नियम के विरुद्ध भुगतान करने के आरोप लगे हैं। ईओडब्ल्यू ने जितेन्द्र की गिरफ्तारी की है।
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की
उत्तर प्रदेश में शासकीय धन गबन के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है,जिसके तहत बुधवार को राजकीय निर्माण निगम राजधानी लखनऊ के निशातगंज स्थित निगम कार्यालय से जितेंद्र की गिरफ्तारी हुई है। जितेन्द्र सिंह पर गाजीपुर जिले में पर्यटन विकास कार्यों के लिए करोड़ों की सरकारी धनराशि के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगा है।
सपा सरकार में ये योजना बनी थी
गौरतलब है कि यह मामला वर्ष 2012-13 का है, जब गाजीपुर जिले के भदौरा ब्लॉक में पांच पर्यटन स्थलों एमन शाह का तालाब, सेवराई स्थित चीरा का पोखरा, मां कामाख्या धाम (गहमर), देवकली स्थल और कीनाराम स्थल (देवल) को पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण की योजना बनाई गई थी। इसके लिए राज्य सरकार ने कार्यदायी संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की वाराणसी इकाई को नियुक्त किया था। आपको बता दें कि उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी।
जांच में खुलासा हुआ
इस मामले को देखते हुए गाजीपुर जिले के गहमर थाने में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शासकीय धन के गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस जांच के मुताबिक इस घोटाले में कुल 26 लोग शामिल थे। लेकिन प्रमुख आरोपी के रूप में जितेन्द्र सिंह का नाम आया है। आरोपी द्वारा अलग-अलग तारीखों में कुल 32 अग्रिम भुगतान किए गए थे, जिनकी कुल राशि 2,41,07,499 रुपये थी। यह भुगतान विभिन्न फर्मों को किया गया, जबकि कई जगहों पर काम शुरू ही नहीं हुआ। इससे पर्यटन विकास की योजना अधर में लटक गई, साथ ही सरकार को लगभग 7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।