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सदैव दूसरे की पत्नी को अपनी मां, धन को मिट्टी के समान समझना चाहिए: स्वामी आर्यवेश

नोएडा। आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में एमिटी इंटरनेशनल स्कूल नोएडा में चल रहे चरित्र निर्माण शिविर में मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार यादव ने शिविरार्थिओं को संबोधित करते हुए कहा कि अभिवादन करने वाले की आयु, विद्या, यश और बल चारों नित्य बढ़ते हैं इसलिए अपने माता-पिता और गुरुजनों को प्रतिदिन प्रातः नमस्ते किया करें। उन्होंने आगे कहा कि मनुष्यता का पाठ केवल इन शिविरों में दिया जाता है इसी से राष्ट्र का कल्याण होगा।
सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के यशस्वी प्रधान स्वामी आर्यवेश ने कहा कि पराई स्त्री पर कभी भी गलत नजर नहीं डालनी चाहिए और उसका अपनी मां की तरह सम्मान करना चाहिए। दूसरे के धन संपत्ति पर भी कभी गलत दृष्टि नहीं डालनी चाहिए और उसे मिट्टी के समान समझना चाहिए। अपने परिश्रम से अर्जित की हुई धन-संपत्ति को ही अपनी संपत्ति समझना चाहिए। सभी के साथ एक समान व्यवहार करना चाहिए। सब के अंदर स्वयं की छवि देखना चाहिए।ऐसा आचरण करने वाला मनुष्य ही वास्तव मे विद्वान होता है।
मुख्य वक्ता आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने कहा कि परिषद का मूलभूत उद्देश्य शिविरों के माध्यम से बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण करना है। उन्होंने आगे कहा कि गायत्री मंत्र के जप से बुद्धि तीव्र होती है,पाठ जल्दी याद होता है,नींद अच्छी आती है। अपना लक्ष्य बड़ा निर्धारित करें और उसे लगन मेहनत से प्राप्त करें।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि बहादुर कब किसी का आसरा एहसान लेते हैं वही कर गुजरते हैं जो मन में ठान लेते हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश का बहुसंख्यक वर्ग आज युवा शक्ति है उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है। राष्ट्र की समस्याओं का समाधान युवा ही निकालेंगे।देश की दिशा व दशा युवा ही बदल सकते हैं।
गायिका प्रवीण आर्या पिंकी के देश भक्ति के गीतों को सुनकर श्रोता झूम उठे। शिविर संयोजक अरुण आर्य ने मंच का कुशल संचालन किया,महेन्द्र भाई ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा शिविरार्थिओं को बुराइयों को छोड़ने और अच्छाइयों को ग्रहण करने का संकल्प कराया। प्रमुख रूप से स्वामी सूर्यवेश, कमल आर्य, रामकुमार आर्य,सौरभ गुप्ता आदि मौजूद रहे।