निर्माण के बाद से अब तक यह पुल तीन बार हादसे का शिकार हो चुका है। पहले एक बार नदी के तेज बहाव में पुल का पिलर बह गया था। दूसरी बार पिलर कोसी नदी में धंस गया था।