यह ट्रांसपोर्ट सिस्टम बिजली या ग्रीन एनर्जी जैसे ईको-फ्रेंडली स्रोतों से संचालित होगा, जिससे प्रदूषण में भी कमी आएगी और यह पर्यावरण के अनुकूल होगा।