आमतौर पर बच्चों की हंसी और लोगों की बातचीत से गूंजने वाली ये चार फुट चौड़ी गलियां उस दिन सन्नाटे में डूबी थीं। लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि कोई मासूम बच्ची भी इस तरह की दरिंदगी का शिकार हो सकती है।