इस भविष्यवाणी की गंभीरता इसलिए और बढ़ जाती है, क्योंकि यह ऐसे समय आई है जब दुनिया पहले से ही जलवायु संकट, भू-राजनीतिक तनाव और तकनीकी अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है।