अध्ययन के अनुसार, भारत में इस रसायन के संपर्क में आने से सबसे ज्यादा 1,03,587 मौतें हुईं, जिसके बाद चीन और इंडोनेशिया का स्थान रहा। यह अध्ययन ‘ईबायोमेडिसिन’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।