शाह के संबोधन की शुरुआत में विपक्षी दलों ने विरोध जताया और प्रधानमंत्री से वक्तव्य की मांग की। लेकिन जब सभापति ने इसे खारिज किया, तो वे वॉकआउट कर गए।