भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी, चेन्नई के वैज्ञानिकों ने बताया कि ऐसे संक्रमण हर साल जून, जुलाई और अगस्त के महीनों में अधिक सामने आए।