डॉ. चेतन आनंदनई दिल्ली। भारत में कथावाचन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक परंपरा है, जो सदियों से समाज को जोड़ने, अध्यात्म को सरल बनाने और जीवन मूल्यों को स्थापित करने का माध्यम रही है।...