आरोपी इंटरनेट के जरिए स्कूलों के एकाउंटेंट के मोबाइल नंबर निकालता था। फिर वह उनके पास बच्चों की फीस के फर्जी भुगतान की पुष्टि वाला संदेश भेजता और फोन कर कहता कि गलती से अधिक पैसा ट्रांसफर हो गया है।