यह रिपोर्ट 2021 की ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ स्टडी के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि 2015 की तुलना में 2030 में मोटे या अधिक वजन वाले किशोरों की संख्या 14.3 करोड़ अधिक होगी।