उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दियों-मोमबत्तियों और सजावट पर किए जा रहे खर्च की तुलना में भूमि-विकास और आम जन के मुद्दों पर ध्यान कम दिया जा रहा है।