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रुकेगी बिजली चोरी: यूपी में बदले जाएंगे पुरानी तकनीक वाले 11.32 लाख स्मार्ट मीटर, अब लगेंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर

Aryan
10 Dec 2025 9:30 PM IST
रुकेगी बिजली चोरी: यूपी में बदले जाएंगे पुरानी तकनीक वाले 11.32 लाख स्मार्ट मीटर, अब लगेंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर
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पूराने मीटरों को आरडीएसएस परियोजना के तहत मार्च 2027 तक नए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में बदला जाएगा।

लखनऊ। यूपी में साल 2018 में लगाए गए 2जी तकनीक वाले लगभग 11.32 लाख मीटरों को बदला जाएगा। इनकी जगह पर रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। दरअसल 2018 में ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड के साथ मिलकर पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया था। स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर रोक लगेगी।

स्मार्ट मीटर के फायदे

स्मार्ट मीटर के कई फायदे हैं। इससे सटीक बिलिंग, रीयल-टाइम ऊर्जा खपत की जानकारी और बिजली चोरी रोकने में मदद मिलती हैं।

8 वर्ष के लिए थी पुरानी परियोजना

जानकारी के अनुसार, यह परियोजना 8 साल के लिए थी और 2जी तकनीक पर आधारित थी। शुरुआत से ही इन मीटरों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। तकनीकी विकास के साथ ही इन मीटरों को 4जी करने की मांग की गई लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हुई।

पॉवर कॉर्पोरेशन ने लिया निर्णय

वहीं, अब पॉवर कॉर्पोरेशन ने निर्णय लिया है कि ईईएसएल की ओर से लगाए गए कुल 12 लाख स्मार्ट मीटरों में से 1132506 सक्रिय मीटरों को बदला जाएगा। इनको आरडीएसएस परियोजना के तहत मार्च 2027 तक नए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में बदला जाएगा।

इंटेली स्मार्ट कंपनी की पैतृक कंपनी ईईएसएल है

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि 2जी तकनीक के मीटर जिस वक्त लग रहे थे उस वक्त विरोध किया गया था। विद्युत नियामक आयोग ने भी इन्हें 4जी में बदलने का निर्देश दिया था। वर्तमान में इंटेली स्मार्ट कंपनी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है। इसी कंपनी की पैतृक कंपनी ईईएसएल है।

प्रतिवर्ष 137 करोड़ का भुगतान किया गया

गौरतलब है कि 2020 के कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अचानक 1.58 लाख स्मार्ट मीटर बंद हो गए थे। तब एसटीएफ जांच की गई थी, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पहले से लगे मीटरों पर निगम ने प्रतिवर्ष 137 करोड़ का भुगतान किया है। सात सालों में यह राशि बढ़कर लगभग 959 करोड़ हो गई। इसलिए पूरी परियोजना की विफलता की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

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