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22 पेज के सुसाइड नोट से खुलासा: सौतेली मां उठाती थी चरित्र पर उंगली, पिता रहता था मौन! भाई-बहन की आत्महत्या की ऐसी कहानी जो पहले कभी ना सुनी होगी

Aryan
2 Aug 2025 6:57 PM IST
22 पेज के सुसाइड नोट से खुलासा: सौतेली मां उठाती थी चरित्र पर उंगली, पिता रहता था मौन! भाई-बहन की आत्महत्या की ऐसी कहानी जो पहले कभी ना सुनी होगी
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मेरी चिता को मिस रितु और मिस्टर सुखवीर सिंह हाथ न लगाएं

गाजियाबाद। गाजियाबाद के गोविंदपुरम के आईबी में कार्यरत अविनाश और उसकी बहन अंजलि की आत्महत्या के मामले में सुसाइड नोट मिलने से नये खुलासे हुए हैं। अंजलि ने आत्महत्या करने से पहले 22 पेजों का सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है।

हमारी मौत के लिए जिम्मेदार मेरी सौतेली मां और मेरे पिता हैं

अंजलि ने सुसाइड नोट लिखा है कि हमारी मौत के जिम्मेदार सौतेली मां रितु और पिता सुखवीर सिंह के अलावा कोई और नहीं है। मेरे खाते में पड़े पैसे और पीएफ का हकदार मेरा दोस्त महिम होगा और मेरी चिता को मिस रितु और मिस्टर सुखवीर सिंह हाथ न लगाएं।

मेरी चिता को आग सिर्फ महिम ही देगा

मेरी चिता को आग सिर्फ महिम ही देगा। अंजलि ने सुसाइड नोट के पेजों की फोटो अपने पिता सुखवीर सिंह, सौतेली मां, मौसा अनिल सिंह और मौसी रेखा रानी को व्हाट्सएप पर भेजा है।

घर वालों ने कार्रवाई से इंकार कर दिया था

घर वालों ने कार्रवाई से इंकार कर दिया था। पुलिस से सुसाइड नोट न मिलने की बात बताई थी। लेकिन शुक्रवार को जब पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो डायरी में सुसाइड नोट लिखा मिला।

समाजिक रीति रिवाज और खोखली शान के लिए मेरे माता-पिता मानसिक यातना देते हैं

नोट में अंजलि ने लिखा है कि समाजिक रीति रिवाज और खोखली शान के लिए मेरे माता-पिता मानसिक यातना देते हैं। रितु देवी की चतुराई के सामने सुखवीर सिंह का अपनी सफाई देना बिल्कुल बेईमानी है। क्योंकि पिता तो सौतेली मां पर ही विश्वास करते हैं।

पिता का काम सिर्फ जन्म देना और केवल स्कूल की फीस भरना ही नहीं होता

पिता का काम सिर्फ जन्म देना और केवल स्कूल की फीस भरना ही नहीं होता, उसके साथ समय बिताना, उसकी इच्छाएं पूरी करना भी होता है। मेरे भाई ने मेहनत करके सरकारी नौकरी पाई है। उसका भी इतना शोषण किया कि वह अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने भी नहीं जा सकता।

सुखबीर सिंह आपको पापा कहना अच्छा नहीं लगता

सुखबीर सिंह आपको पापा कहना अच्छा नहीं लगता। तुम्हें अधिकार नहीं है मेरे शव को छूने का। तुमने अपनी दूसरी शादी के लिए अपने ही बच्चों की खुशियों का गला घोंट दिया है। आपको अपनी पत्नी मुबारक।

मेरे चरित्र पर सवाल उठे और पापा चुप रहे

अंजलि ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनकी सौतेली मां ने उनके चरित्र पर सवाल उठाए। बदनाम किया और बुरा-भला कहा। ऐसे में भी मेरे पिता चुपचाप रहे और मेरी एक न सुनी। मैं अकेली मरती तो मेरे चरित्र पर सवाल उठता। हम दोनों भाई-बहन मानसिक तनाव में हैं। इसलिए अब समाज में नजरें उठाकर जीकर दिखाना।

मुझे बस मेरे दोस्त महिम ने समझा

अंजलि ने लिखा कि महिम अब सबकुछ तेरे हवाले करके, मैं अब दुनिया छोड़कर जा रही हूं। मुझे तू ही मुखाग्नि देगा, मेरे माता-पिता और अन्य को शव हाथ नहीं लगाने देना। तुम मेरे शुभचिंतक हो तुम्हें कुछ गिफ्ट करना चाहती हूं। मेरे खाते के सारे पैसे तुम रख लेना, ये मेरा छोटा सा सपोर्ट है।

मामा देवेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है

मामा देवेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि अविनाश और अंजलि की मां कमलेश की भी मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई थी। आरोप है कि उनकी बहन की मौत बहनोई के प्रेम संबंधों का विरोध करने पर हुई थी। हापुड़ निवासी मामा देवेंद्र ने कविनगर थाने में तहरीर दे दी है।

सुखवीर सिंह ने कहा

सुखवीर सिंह पोस्टमार्टम हाऊस पर जमीन की ओर निहारते दिखे और कहा कि मेरा तो सबकुछ लुट गया। दोनों बच्चों की बॉडी लेकर मैं कैसे घर जाऊं।


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