Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

जगन्नाथ यात्रा में भक्तों का सैलाब ! रथ यात्रा में अचानक बेकाबू हुआ हाथी, देखें वीडियो

Anjali Tyagi
27 Jun 2025 11:21 AM IST
जगन्नाथ यात्रा में भक्तों का सैलाब ! रथ यात्रा में अचानक बेकाबू हुआ हाथी, देखें वीडियो
x
रथ यात्रा में 18 हाथियों का दल शामिल किया गया है, जिसमें से आगे चल रहे 2 हाथी बेकाबू हो गए।

अहमदाबाद। ओडिशा के जगन्नाथ धाम पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा पूरे हर्षोल्लास के साथ शुरू हो गई है। यात्रा के दौरान, भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने और रथ की रस्सी को स्पर्श मात्र करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। ऐसे में बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल 2 हाथी अचानक बेकाबू हो गए, जिससे भीड़ में भगदड़ मच गई। हालांकि, अभी किसी प्रकार की जनहानि की खबर नहीं है। सामने आये वीडियो में हाथी बीच सड़क पर इधर से उधर भागता नजर आ रहा है और महावत उसे काबू करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हाथी तेजी से भीड़ के बीच से आगे बढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, रथ यात्रा में 18 हाथियों का दल शामिल किया गया है, जिसमें से आगे चल रहे 2 हाथी बेकाबू हो गए।


अहमदाबाद में 148वीं रथयात्रा

बता दें कि अहमदाबाद में भगवान श्री जगन्नाथ की यह 148वीं रथयात्रा है, जो पूरे हर्षोंल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ शुरू हो चुकी है। इस खास मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने श्री जगन्नाथ मंदिर में आयोजित मंगला आरती में परिवार समेत हिस्सा लिया और महाप्रभु के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथयात्रा की विधिवत शुरुआत की और पारंपरिक पाहिंद विधि का पालन करते हुए भगवान के रथ के सामने सोने की झाड़ू लगाकर यात्रा का शुभारंभ किया। ये विधि सेवा और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।

रथ यात्रा कब होगी शुरू

ओडिशा में दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा होती है। सुबह 6 बजे भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती के बाद श्रृंगार किया गया। फिर खिचड़ी भोग लगा। दैनिक पूजा-परंपराओं के बाद सुबह 9:30 बजे भगवान मंदिर से बाहर लाने की विधियां शुरू हो गई हैं। रथों की पूजा कर करीब 1 बजे बलभद्र, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को रथ में बैठाया जाएगा। दोपहर 3 बजे पुरी राजपरिवार के गजपति दिव्य सिंह देव रथ के आगे सोने के झाडू से बुहारा लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसमें भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ करीब 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। ये उनकी मौसी का घर माना जाता है।

Next Story