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एक ऐसा मंदिर जहां महाकाली के रूप में प्रकट हुई थीं मां दुर्गा! महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास, जानें क्या है नाम

नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित कालकाजी मंदिर, देवी काली को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। इसे देश के सबसे पुराने सिद्धपीठों में से एक माना जाता है, जहां नवरात्र के दौरान यहां एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
प्रमुख बातें
स्थान- यह दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी में नेहरू प्लेस के सामने और ओखला रेलवे स्टेशन के पास स्थित है।
मेट्रो स्टेशन- कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन इस मंदिर का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन है, जिससे यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
इतिहास और मान्यताएं
माना जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल से है। किंवदंतियों के अनुसार, कुरुक्षेत्र का युद्ध जीतने के बाद, पांडवों ने भी यहां देवी काली की पूजा की थी। कुछ मान्यताओं के अनुसार, मंदिर का सबसे पुराना हिस्सा 1764 ईस्वी के आसपास मराठों द्वारा बनाया गया था। बाद में 1816 में अकबर टू ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। कहा जाता है कि यहां स्थापित देवी कालका की प्रतिमा स्वयंभू है और इस मंदिर की स्थापना उस समय हुई थी जब देवी कालिका ने राक्षस रक्तबीज का वध किया था।
महत्व
भक्तों का मानना है कि यहां आने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता और मां के दर्शन मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह मंदिर 12 दरवाजों के लिए भी जाना जाता है, जो ज्योतिष और वास्तु के अनुसार विशेष महत्व रखते हैं।
समारोह- नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ रहती है, जो देवी का आशीर्वाद लेने आते हैं।