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एक ऐसा मंदिर जहां होती है माता की योनि की पूजा, 3 बार दर्शन का है विशेष महत्व, जानें क्या है नाम

Anjali Tyagi
7 Dec 2025 8:00 AM IST
एक ऐसा मंदिर जहां होती है माता की योनि की पूजा, 3 बार दर्शन का है विशेष महत्व, जानें क्या है नाम
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नई दिल्ली। माता कामाख्या देवी मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। भारतवर्ष के लोग इसे अघोरियों और तांत्रिक का गढ़ मानते हैं। असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 10 किमी दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित है। मंदिर की खास बात यह है कि यहां न तो माता की कोई मूर्ति है और न ही कोई तस्‍वीर। बल्कि यहां एक कुंड है, जो हमेशा ही फूलों सें ढंका हुआ रहता है। इस मंदिर में देवी की योनी की पूजा होती है। यह एक प्रचलित मान्यता है कि कामाख्या मंदिर के जीवन में तीन बार दर्शन करने से भक्तों को सांसारिक बंधनों से मुक्ति मिल जाती है।

कामाख्या नाम कैसे पड़ा?

सती की योनि गिरने की कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवी सती ने अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में खुद को भस्म कर लिया, तब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर तांडव करने लगे। सृष्टि को बचाने के लिए, भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए। माना जाता है कि नीलाचल पहाड़ी, जहां मंदिर स्थित है, वहां देवी सती का योनि (गर्भ) भाग गिरा था। संस्कृत में 'काम' का अर्थ प्रेम या इच्छा है, और इस पवित्र स्थल पर देवी की योनि गिरने के कारण इसका नाम कामाख्या पड़ा, जो स्त्री की उर्वर शक्ति का प्रतीक है।

कामदेव की कथा

एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान शिव के तपस्या में लीन होने पर, ब्रह्मा के कहने पर कामदेव ने शिव की तपस्या भंग करने का प्रयास किया, जिससे क्रोधित होकर शिव ने उन्हें भस्म कर दिया। बाद में, कामदेव ने अपना रूप (काम) वापस पाने के लिए इसी स्थान पर देवी की आराधना की। देवी ने प्रसन्न होकर उन्हें उनका रूप फिर से प्रदान किया। इस प्रकार, इस स्थान का नाम कामाख्या पड़ा और यह क्षेत्र "कामरूप" के नाम से भी जाना जाने लगा।

3 बार दर्शन का महत्व

हिंदू मान्यताओं में, यह दृढ़ विश्वास है कि यदि कोई भक्त अपने जीवनकाल में कम से कम तीन बार कामाख्या मंदिर के दर्शन कर लेता है, तो उसे जन्म-मृत्यु के चक्र और सभी सांसारिक मोह-माया व बंधनों से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है। यह मंदिर तंत्र साधना का भी एक बड़ा और महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।

मंदिर से जुड़ी जरूरी बातें

⦁ भक्‍तों की मनोकामना पूरी होने के बाद कन्‍या भोजन कराया जाता है। वहीं कुछ लोग यहां जानवरों की बलि देते हैं। खास बात यह है कि यहां मादा जानवरों की बलि नहीं दी जाती।

⦁ कामाख्‍या देवी तांत्रिकों की मुख्‍य देवी हैं। इन्‍हें भगवान शिव की नववधू के रूप में पूजा जाता है।

⦁ माना जाता है कि यहां पर तांत्रिक बुरी शक्तियों को बड़ी आसानी से दूर कर देते हैं। यहां के साधुओं के पास एक चमत्‍कारिक शक्ति होती है, जिसका इस्तेमाल वे बड़े ही सोच समझकर करते हैं।

⦁ यह जगह तंत्र साधना के लिए भी महत्‍वपूर्ण जगह है। कहते हैं अगर किसी पर काला जादू हो, तो मंदिर में मौजूद अघोरी और तांत्रिक इसे उतार देते हैं। इतना ही नहीं, यहां काला जादू किया भी जाता है।

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