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अभिषेक बनर्जी की चुनाव आयुक्त से बहस के बीच ढाई घंटे चली मीटिंग! आयोग पर लगाया ये गंभीर आरोप

नई दिल्ली। बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है। वहीं चुनाव से पहले कई मुद्दे को लेकर राज्य में सियासी पारा हाई हो गया है। इसमें सबसे प्रमुख रहा SIR का मुद्दा। SIR को लेकर TMC सहित तमाम विपक्षी पार्टी चुनाव आयोग पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की चुनाव आयोग के साथ एसआईआर के मुद्दे पर ढाई घंटे बैठक हुई। इस दौरान केंद्र सरकार और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए।
जिनके नाम काटे उनमें कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या?
उन्होंने कहा कि पिछली बार जो पांच सवाल पूछे थे, उनका जवाब नहीं मिला है। दो तीन मुद्दों को छोड़कर किसी का जवाब नहीं मिला। 1 करोड़ 36 लाख लोगों का नाम संदेह में है, हमने उसको लेकर सवाल पूछा, लेकिन उसकी लिस्ट अब तक नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि 60 से ऊपर जिसकी उम्र है और बीमार है, उसको भी चुनाव आयोग के दफ्तर में ना बुलाकर, उसके घर भी जाकर वेरिफिकेशन किया जा सकता है। जो बीजेपी की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है, कहा जाता है 1 करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी है, 58 लाख जो नाम हटाए जा रहे हैं, उसमें कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं?, इसका जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि ERO से बिना पूछे जो नाम हटाए जा रहे हैं। उस पर सवाल पूछा कि जिस फार्म नहीं भरा उसका नाम हटाना चाहिए, लेकिन जिसने फॉर्म भरा उसका नाम कैसे डिलीट हो रहा है?
'जिसको चुनाव कराना आता है, वो वोटर लिस्ट चोरी कर रहा'
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जिसको चुनाव कराना आता है, वो वोटर लिस्ट में चोरी कर रहा है। वोटर लिस्ट में चोरी हो रही है। अगर कांग्रेस ने ये पकड़ लिया होता तो हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार चारों जगह भाजपा हारती। सरकार, सरकारी सर्कुलर और नोटिफिकेशन से चलती है, लेकिन भारत सरकार भारत को वॉट्सएप से चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग देश को चुनाव आयोग से चलाना चाहता है। ये कोई नोटिफिकेशन इसलिए जारी नहीं करना चाहते क्योंकि ये जानते हैं कि ऐसा करने के बाद सारी राजनीतिक पार्टियों को उसे कोर्ट में ले जाने का और चुनौती देने का अधिकार है।
'हमारे सवालों का सटीक जवाब नहीं मिला'
उन्होंने कहा कि हमने आठ से दस मुद्दों पर चर्चा की। बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई और करीब ढाई घंटे तक चली। पिछली बार, करीब एक महीने पहले 28 नवंबर को हमारी पार्टी का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यहां आया था। हमने चुनाव आयोग से पांच सवाल पूछे थे, लेकिन उनमें से एक का भी सटीक जवाब हमें नहीं मिला। उसी रात चुनाव आयोग ने चुनिंदा तौर पर कुछ पत्रकारों को जानकारी लीक की और दावा किया कि उन्होंने हर सवाल का जवाब दे दिया है। इसके तुरंत बाद मैंने ट्वीट कर कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के पास डिजिटल सबूत हैं और चुनाव आयोग ने हमारे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया था।
किसी भी सवाल पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला
उन्होंने कहा कि इस बार भी दो-तीन बिंदुओं को छोड़कर किसी भी मुद्दे पर हमें कोई स्पष्टता नहीं मिली। जब मैं उनसे SIR के बारे में पूछता हूं, तो वे बात को नागरिकता के मुद्दे पर मोड़ देते हैं। किसी भी सवाल पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला। वो हमें ऊंगली दिखा के बात कर रहे थे, मैंने कहा आप नोमिनेटेड हैं और हम इलेक्टेड हैं। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट सूची के बाद हमको पता चला है कि कईबान 89% लोगों की मैपिंग हो गई है। बंगाल को जो नीचा दिखाने की मानसिकता है उसके लिए जिम्मेदार कौन है? वहीं उन्होंने ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले कोऑपरेटिव मंत्रालय में कोऑपरेटिव सचिव थे। अचानक उनको मुख्य चुनाव आयुक्त बना दिया जाता है, उनको यहां भेजा गया जिससे कि वह देश को बर्बाद कर सकें। इस संवैधानिक संस्था को बर्बाद कर सकें।
अमित शाह पर भी साधा निशाना
इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने गृहमंत्री अमित शाह को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जितना ताकत लगाना है, लगा लें, हम चुनाव जीतेंगे, जनता हमारे साथ में है, अगर यही चीज कांग्रेस पकड़ लेती तो कांग्रेस चुनाव नहीं हारती। मैं तमाम विपक्षी पार्टियों से कहूंगा कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले, EVM से वह चोरी नहीं हो रहा वोट वोटर लिस्ट से चोरी हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी मतदाताओं को संदेह के घेरे में नहीं डाला गया था। पहले वोटर तय करता था कि सरकार किसकी बनेगी प्रधानमंत्री कौन बनेगा, लेकिन अब सरकार और प्रधानमंत्री तय करते हैं कि कौन वोटर बनेगा।




