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अडानी समूह ने पूरी की बड़ी डील, 275 रुपये प्रति शेयर पर बेची 13% हिस्सेदारी

DeskNoida
19 Nov 2025 11:10 PM IST
अडानी समूह ने पूरी की बड़ी डील, 275 रुपये प्रति शेयर पर बेची 13% हिस्सेदारी
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यह सौदा उसी हिस्सेदारी विनिवेश योजना का हिस्सा है जिसकी घोषणा इस साल की शुरुआत में की गई थी। उस योजना के तहत विल्मर इंटरनेशनल ने 275 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर शेयर खरीदने पर सहमति दी थी।

भारत के उद्योगपति गौतम अडानी के समूह ने अपनी एग्री बिजनेस कंपनी AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड (पूर्व में अडानी विल्मर लिमिटेड) में से 13 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचकर एक बड़ी डील पूरी कर ली है। यह लेनदेन बाजार से इतर (ऑफ-मार्केट) किया गया, जिसमें अडानी कमोडिटीज LLP ने कुल 16.9 करोड़ शेयर विल्मर इंटरनेशनल की सब्सिडियरी लेंस प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किए। यह सौदा उसी हिस्सेदारी विनिवेश योजना का हिस्सा है जिसकी घोषणा इस साल की शुरुआत में की गई थी। उस योजना के तहत विल्मर इंटरनेशनल ने 275 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर शेयर खरीदने पर सहमति दी थी।

सौदे से जुड़े अनुमानों के अनुसार, 275 रुपये प्रति शेयर की दर पर यह डील लगभग 4,646 करोड़ रुपये की बैठती है। बिक्री से पहले अडानी कमोडिटीज LLP के पास AWL में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। लेकिन 13 प्रतिशत बेचने के बाद अब उसके पास केवल 7 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 9.09 करोड़ शेयर बचे हैं। वहीं लेंस प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी बढ़कर 56.94 प्रतिशत हो गई है, जिससे वह कंपनी में प्रमुख नियंत्रणकारी भागीदार बन चुका है।

शेयर मार्केट में अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भी हलचल देखी गई। अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर बुधवार को हल्की गिरावट के साथ 2431.30 रुपये पर बंद हुआ, जबकि AWL एग्री बिजनेस लिमिटेड का शेयर 2.64 प्रतिशत उछलकर 275.95 रुपये पर बंद हुआ। यह बढ़त हिस्सेदारी बिक्री और कंपनी में बदलते नियंत्रण के बीच निवेशकों के भरोसे का संकेत मानी जा रही है।

अडानी एंटरप्राइजेज के तिमाही नतीजों ने भी समूह को मजबूत स्थिति में दिखाया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 84 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी के साथ 3,199 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कंपनी के मुताबिक, जुलाई से सितंबर 2025 की अवधि में यह लाभ एकमुश्त असाधारण आय के कारण बढ़ा। एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस लिमिटेड में हिस्सेदारी बिक्री से कंपनी को 3,583 करोड़ रुपये की भारी आय हुई, जिसने उसके नेट प्रॉफिट में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

यह डील न सिर्फ अडानी समूह की रणनीतिक विनिवेश योजना का हिस्सा है, बल्कि इसके जरिए समूह ने अपने वित्तीय पोर्टफोलियो में मजबूती भी जोड़ी है। निवेशकों का रुझान और कंपनी के तिमाही नतीजे बताते हैं कि समूह अपने बिजनेस विस्तार और वित्तीय प्रबंधन में लगातार मजबूत स्थिति में बना हुआ है।

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