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पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने की मुस्लिम देशों से भारत पर दबाव डालने की अपील

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को सऊदी अरब समेत कई मुस्लिम देशों से अपील की है कि वे भारत से हालात सामान्य करने की दिशा में बातचीत करें।
शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में सऊदी अरब के राजदूत नवाफ बिन सईद अल-मालिकी, संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत हमद ओबैद अल-ज़ाबी और कुवैत के राजदूत नासिर अब्दुर्रहमान जासिर से मुलाकात की। इन बैठकों में शरीफ ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की पाकिस्तान की इच्छा दोहराई।
सरकारी मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री ने भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि घटना की निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के हर रूप की निंदा करता है और किसी भी प्रकार की हिंसात्मक गतिविधियों से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान बीते 15 महीनों में मिली आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस दिशा में सऊदी अरब जैसे मित्र देशों से उसे सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति को खतरे में डालने जैसा कोई भी गैर-जिम्मेदार कदम पाकिस्तान नहीं उठाएगा।
शरीफ ने यूएई के राजदूत को भी भारत द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान स्वयं वर्षों से आतंकवाद का शिकार रहा है और वह इस घटना में शामिल नहीं है। उन्होंने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई।
कुवैत के राजदूत से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अपनी स्थिति को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में न्यायसंगत और पारदर्शी जांच की अपील की है।
इन बैठकों के दौरान तीनों देशों के राजदूतों ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की बात कही।
इससे पहले चीन के राजदूत जियांग जैदोंग ने भी प्रधानमंत्री शरीफ से मुलाकात की थी और भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिति पर चर्चा की थी। वहीं कतर, सऊदी अरब और कुवैत ने भी एक दिन पहले जारी बयानों में दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की थी।
पाकिस्तान ने 24 और 25 अप्रैल को इस्लामाबाद स्थित विभिन्न देशों के राजनयिकों को पहलगाम हमले के बाद बनी स्थिति से अवगत कराया और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। विदेश सचिव आमना बलोच ने इस दौरान राजनयिकों को पाकिस्तान की स्थिति स्पष्ट की।