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पंजाब के बाद हरियाणा ने जल संकट पर बुलाई सर्वदलीय बैठक

पंजाब सरकार द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार करने के बाद हरियाणा सरकार ने शनिवार को चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में राज्य को मिल रहे पानी पर चर्चा की जाएगी।
इससे कुछ घंटे पहले ही पंजाब में भी इसी मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें सभी दलों ने एकजुट होकर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करने की बात कही थी। हरियाणा सरकार की ओर से कांग्रेस, आईएनएलडी, जेजेपी, आम आदमी पार्टी, बसपा और सीपीआई (एम) जैसे दलों को बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
हरियाणा और पंजाब के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद एक बार फिर गहरा गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार हरियाणा को और अधिक पानी देने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने दावा किया कि पंजाब पहले ही अपने हिस्से से ज्यादा—103 प्रतिशत—पानी का उपयोग कर चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब ने मानवीय आधार पर 6 अप्रैल से हरियाणा को रोजाना 4,000 क्यूसेक पानी दिया है।
मान ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की उस निर्णय पर भी नाराजगी जताई जिसमें हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने की बात कही गई थी। उनका कहना था कि यह पंजाब के अधिकारों का हनन है और बोर्ड को इस तरह के फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है।
उधर, दिल्ली में शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें बीबीएमबी के फैसले को लागू करने और हरियाणा तथा राजस्थान के कुछ हिस्सों में पानी की जरूरतों को पूरा करने पर चर्चा की गई। इसमें भाखड़ा डैम से हरियाणा को अगले आठ दिनों तक रोज 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने का सुझाव दिया गया।
पंचकूला में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आम आदमी पार्टी पर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब गुरु-परंपरा की धरती है और हम उस पर सिर झुकाते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान को चाहिए कि वे अपने लोगों की भलाई के लिए काम करें, न कि राजनीतिक बयानबाजी करें।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि पंजाब को कभी पानी की जरूरत होगी, तो हरियाणा अपने ट्यूबवेल चलाकर जमीन से पानी निकालकर देगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पंजाब का कोई भी व्यक्ति प्यासा नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री सैनी ने दोहराया कि हरियाणा सिर्फ अपना पुराना हिस्सा मांग रहा है, उससे अधिक कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि अगर इस पर राजनीति होती रही तो पानी व्यर्थ बह जाएगा और पाकिस्तान तक चला जाएगा, जो हमारे निर्दोष नागरिकों की जान लेता रहा है।