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पहले अमेरिका, अब कनाडा से भी झटका: भारतीय छात्रों के 4 में से 3 वीजा आवेदन खारिज

DeskNoida
3 Nov 2025 10:21 PM IST
पहले अमेरिका, अब कनाडा से भी झटका: भारतीय छात्रों के 4 में से 3 वीजा आवेदन खारिज
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दो साल पहले, अगस्त 2023 में यह दर 32 प्रतिशत थी। इस तरह, भारतीय छात्रों के लिए कनाडा का दरवाजा पहले की तुलना में अब काफी हद तक बंद हो चुका है।

कनाडा ने भारतीय छात्रों को बड़ा झटका दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में चार में से तीन भारतीय छात्रों के वीजा आवेदन खारिज कर दिए गए। यानी लगभग 74 प्रतिशत भारतीय छात्रों के आवेदन अस्वीकार कर दिए गए हैं। दो साल पहले, अगस्त 2023 में यह दर 32 प्रतिशत थी। इस तरह, भारतीय छात्रों के लिए कनाडा का दरवाजा पहले की तुलना में अब काफी हद तक बंद हो चुका है।

कनाडा सरकार ने यह कदम अपने देश में अस्थायी प्रवासियों की संख्या घटाने और छात्र वीजा से जुड़े फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए उठाया है। रिपोर्टों के अनुसार, 2025 की शुरुआत में लगातार दूसरे वर्ष अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट की संख्या घटाई गई है, जिससे हजारों भारतीय छात्रों को नुकसान हुआ है।

भारतीय छात्रों के लिए बढ़ी मुश्किलें

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2025 में 74 प्रतिशत भारतीय वीजा आवेदन अस्वीकार किए गए, जबकि अगस्त 2023 में यह आंकड़ा केवल 32 प्रतिशत था। वहीं, भारतीय छात्रों की संख्या भी लगातार घट रही है। अगस्त 2023 में 20,900 आवेदन आए थे, जबकि अगस्त 2025 में यह घटकर केवल 4,515 रह गए। इनमें से भी तीनचौथाई आवेदन खारिज कर दिए गए।

चीन के मुकाबले भारत की स्थिति ज्यादा खराब

कनाडा ने चीन समेत अन्य देशों के छात्रों के आवेदन भी अस्वीकार किए हैं, लेकिन भारत की तुलना में चीनी छात्रों के लिए अस्वीकृति दर काफी कम रही। आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 में चीन के केवल 24 प्रतिशत अध्ययन परमिट अस्वीकार किए गए। इससे साफ है कि भारत के छात्रों के लिए स्थिति कहीं अधिक गंभीर हो गई है।

भारत-कनाडा रिश्तों में तनाव का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ती अस्वीकृति दर के पीछे केवल नीति बदलाव ही नहीं, बल्कि भारत-कनाडा के तनावपूर्ण रिश्ते भी एक बड़ी वजह हैं। पिछले एक साल से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में ठंडापन बना हुआ है।

दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे इलाके में एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस विवाद के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे।

अब नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी रिश्ते सुधारने की कोशिशों में जुटे हैं, लेकिन हालिया वीजा अस्वीकृति दर से यह स्पष्ट है कि स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हुई है।

अमेरिका ने भी पहले दिया था झटका

यह पहली बार नहीं है जब भारतीय छात्रों को विदेशी वीजा के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा हो। कुछ ही समय पहले अमेरिका ने भी वीजा नियमों को सख्त किया था, जिससे हजारों भारतीय छात्रों को वहां की यूनिवर्सिटीज़ में दाखिला पाने में दिक्कतें आई थीं। अब कनाडा से आई इस खबर ने छात्रों की चिंता और बढ़ा दी है।

भारत के छात्रों की पसंद हुआ करता था कनाडा

कभी कनाडा भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य हुआ करता था, क्योंकि वहां शिक्षा का स्तर ऊंचा और स्थायी निवास की संभावना भी अधिक थी। लेकिन अब कड़े इमिग्रेशन नियमों और वीजा अस्वीकृति दरों के कारण कनाडा अपनी लोकप्रियता खो रहा है।

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही रुझान जारी रहा तो आने वाले वर्षों में भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूरोप के अन्य देशों की ओर रुख कर सकते हैं।

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