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गरीब महिलाओं को हर साल 40 हजार रुपये देने का वादा, यूपी चुनाव से पहले अखिलेश यादव का बड़ा दांव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा चुनावी वादा किया है, जिसने राजनीतिक माहौल को बेहद गर्मा दिया है। अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो प्रदेश की गरीब महिलाओं को साल में 40 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह वादा न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को ध्यान में रखते हुए किया गया है बल्कि इसे भाजपा सरकार की नीतियों पर सीधा प्रहार भी माना जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार ने महिलाओं को 10 हजार रुपये देने की बात कही थी, लेकिन आज तक यह वादा पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब महिलाएं इंतजार कर रही हैं कि उन्हें वह 10 हजार रुपये कब मिलेंगे, जबकि सरकार उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रही है। अखिलेश ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी वादे करने में नहीं, बल्कि उन्हें निभाने में विश्वास करती है, इसलिए वह 40 हजार रुपये देने का ठोस वादा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगी और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद मिलेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि उनकी सरकार ने पहले समाजवादी पेंशन योजना लागू की थी, जिसके तहत महिलाओं को 500 रुपये प्रति माह दिए जाते थे। योजना को आगे बढ़ाकर 1000 रुपये और फिर 2500 रुपये मासिक करने की तैयारी थी, लेकिन सरकार बदलते ही यह योजना ठप कर दी गई। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने गरीबों की मदद करने के बजाय उनके अधिकार छीने हैं और अब समाजवादी पार्टी इसे वापस बहाल करेगी।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से एक महिला को 12 महीने में 36000 रुपये मिलते, लेकिन इतने वर्षों तक उन्हें यह लाभ नहीं मिला। इसी बकाया राशि और ब्याज को जोड़कर समाजवादी पार्टी ने यह आंकड़ा 40 हजार रुपये तय किया है। उनका दावा है कि यह राशि सीधे लाभार्थी महिलाओं के खाते में भेजी जाएगी और इसके लिए किसी जटिल प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह घोषणा समाजवादी पार्टी की रणनीति का एक अहम हिस्सा है, जो महिलाओं के बड़े वोट बैंक को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। यूपी में महिला मतदाता चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं, और ऐसे में आर्थिक सहायता का यह बड़ा वादा विपक्ष के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। यह साफ है कि यह घोषणा आगामी चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बनने जा रही है और आने वाले समय में इससे राजनीतिक बहस और तेज होगी।




