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इटावा में कथावाचकों के बाल काटने की घटना पर भड़के अखिलेश, कहा- सरकार बेरहम और अलोकतांत्रिक

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा में दो कथावाचकों के जबरन बाल काटे जाने की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे अत्यंत निंदनीय बताया और कहा कि राज्य सरकार न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि संवेदनहीन और अलोकतांत्रिक भी है।
यह घटना उस समय सामने आई जब दो कथावाचक, जिनमें एक यादव जाति से था, दंदरपुर गांव में भागवत कथा के लिए गए थे। कथित वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोगों ने उनके साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और धमकाया। इसी दौरान उनके बाल भी जबरन काट दिए गए।
घटना रविवार और सोमवार की रात की है। जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों ने कथावाचकों की मर्जी के खिलाफ उनके साथ गलत व्यवहार किया और बाल काटे।
अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार संविधान का पालन करती, तो गांवों में रहने वाले गरीब, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक परिवारों को न्याय मिलता।
उन्होंने कहा कि ऐसे ताकतवर लोग जो खुद को श्रेष्ठ समझते हैं, लगातार PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के लोगों को डराते, धमकाते और अपमानित करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भागवत कथा सबके लिए है, तो फिर PDA समुदाय के लोग कथा क्यों नहीं सुना सकते?
अखिलेश ने आरोप लगाया कि कुछ लोग भागवत कथा पर अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं और इसे व्यवसाय की तरह चला रहे हैं। इटावा की यह शर्मनाक घटना भी उसी मानसिकता का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि अगर PDA समुदाय से इतनी नफरत है तो यह सार्वजनिक कर देना चाहिए कि उनकी तरफ से दी गई भेंट या दान कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर ये लोग सिर्फ खुद को ही कथावाचक मानते हैं, तो कानून बनाकर पूरे देश में इसे लागू करवा दें।
अखिलेश यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यह घटना सम्मान और गरिमा से जीने के मौलिक अधिकार पर हमला है। दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि तीन दिन के भीतर उचित कदम नहीं उठाया गया, तो PDA सम्मान की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा।