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ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री! ट्रंप बोले- 'हमें पता है खामेनेई कहां छिपा है...', परमाणु ठिकानों पर बमबारी की तैयारी

Anjali Tyagi
18 Jun 2025 1:54 PM IST
ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री! ट्रंप बोले- हमें पता है खामेनेई कहां छिपा है..., परमाणु ठिकानों पर बमबारी की तैयारी
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अमेरिका की संभावित एंट्री इस संघर्ष को वैश्विक युद्ध में बदल सकती है, खासकर जब बात परमाणु ठिकानों पर बमबारी की हो।

नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने अब और खतरनाक रूप ले लिया है। दरअसल अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की सिचुएशन रूम में करीब 1 घंटे 20 मिनट तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक की, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी के विकल्पों की समीक्षा की गई। ऐसे में माना जा रहा है कि ईरान-इजरायल युद्ध के बीच ट्रंप की युद्ध में एंट्री हो सकती है।

अमेरिका की एंट्री की आशंका से दुनिया में हलचल

बता दें कि इजरायली अधिकारियों को भरोसा है कि ट्रंप आने वाले दिनों में ईरान के भूमिगत यूरेनियम प्लांट्स पर हमलों में इजरायल का साथ दे सकते हैं। इस आशंका को तब और बल मिला जब ट्रंप ने अचानक G7 समिट से बाहर निकलने के बाद Truth Social पर आक्रामक और चेतावनी भरे संदेश पोस्ट किए। जिसमें लिखा था "हमें पता है खामेनेई कहां छिपा है।" ईरान के पास उन्नत स्काई ट्रैकर हैं, लेकिन वो अमेरिका की तकनीक के सामने कुछ नहीं। कोई भी अमेरिका से बेहतर नहीं। हमें पता है कि खामेनेई कहां छिपा है। वो आसान टारगेट है, लेकिन अभी हम उसे नहीं मार रहे हैं- कम से कम फिलहाल नहीं। हम नहीं चाहते कि मिसाइलें नागरिकों या हमारे सैनिकों पर गिरें। हमारा धैर्य खत्म हो रहा है। बिना शर्त आत्मसमर्पण यही एकमात्र रास्ता है।

ईरान ने भी दी अमेरिका को चेतावनी

जानकारी के मुताबिक ईरान ने भी चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका युद्ध में इजरायल का साथ देता है तो वह मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला करेगा। जिसके चलते ईरानी सेना ने पहले ही मिसाइलें और रणनीतिक हथियार युद्ध के संभावित इलाकों में तैनात कर दिए हैं।

क्या अमेरिका युद्ध में होगा शामिल?

ट्रंप के इस तरह के बयान के बाद यह साफ-साफ नजर आ रहा है कि ईरान-इजरायल युद्ध अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है। अमेरिका की संभावित एंट्री इस संघर्ष को वैश्विक युद्ध में बदल सकती है, खासकर जब बात परमाणु ठिकानों पर बमबारी की हो।

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