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बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बवाल के बीच, भारत निर्वाचन आयोग ने पोस्ट किया अनुच्छेद 326 की तस्वीर, जानें क्या है मतलब

Shilpi Narayan
9 July 2025 3:47 PM IST
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बवाल के बीच, भारत निर्वाचन आयोग ने पोस्ट किया अनुच्छेद 326 की तस्वीर, जानें क्या है मतलब
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नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की प्रकिया को लेकर बवाल मचा है। विपक्ष चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर सवाल उठा रहा है। वहीं इस मामले को लेकर आज बिहार में विपक्ष ने बिहार बंद का ऐलान किया है। इस बीच भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में अपने आधिकारिक एक्स पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 की तस्वीर शेयर की है।

विपक्ष ने लगाया यह आरोप

वहीं चुनाव आयोग के इस पोस्ट से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गया है। बता दें कि इस प्रक्रिया पर विपक्षी पार्टी जैसे RJD, कांग्रेस और अन्य ने सवाल उठाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि बिहार में मानसून और बाढ़ के समय यह प्रक्रिया शुरू करना अव्यवहारिक है और इससे कई योग्य मतदाता, खासकर गरीब और अशिक्षित लोग लिस्ट से बाहर हो सकते हैं।

यह प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक और पारदर्शी

दरअसल, चुनाव आयोग ने अपने एक्स पर अनुच्छेद 326 को पोस्ट करके यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही काम कर रहा है। यह पोस्ट एक तरह से उन आलोचनाओं का जवाब देने की कोशिश है। जो बिहार में चल रहे मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उठाई जा रही हैं। हालांकि आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि उसका उद्देश्य केवल योग्य भारतीय नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना है और यह प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक और पारदर्शी है।

सभी नागरिकों को समान रूप से वोट देने का अधिकार मिले

बता दें कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 326 वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनावों की गारंटी देता है। इसके अनुसार, भारत का हर वह नागरिक, जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का हो और सामान्य रूप से किसी निर्वाचन क्षेत्र में निवास करता हो, मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने का हकदार है। हालांकि, कुछ शर्तें भी हैं, जैसे यदि कोई व्यक्ति गैर-निवासी है, मानसिक रूप से अस्थिर है, या अपराध, भ्रष्टाचार, या अवैध कार्यों के कारण अयोग्य घोषित किया गया है, तो उसे मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा। यह अनुच्छेद यह सुनिश्चित करता है कि सभी पात्र नागरिकों को निष्पक्ष और समान रूप से वोट देने का अधिकार मिले।

इस अभियान का मकसद मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान शुरू किया है, जो 25 जून से 26 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान का मकसद मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना और अवैध या फर्जी मतदाताओं को हटाना है।

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