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दिल्ली चिड़ियाघर में गुरुवार को एक और एशियाई शेर के शावक की मौत हो गई। यह शावक हाल ही में शेरनी महागौरी से जन्मे चार बच्चों में से दूसरा था जिसकी कुछ ही दिनों के भीतर मृत्यु हो गई।
मृत शावक नर था और उसका वजन कम था। चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि वह बहुत कमजोर था और बुधवार रात से ही दूध नहीं पी रहा था। गुरुवार सुबह उसकी हालत और बिगड़ गई तो उसे तुरंत मां से अलग कर चिड़ियाघर के अस्पताल में भर्ती किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि शावक बहुत कम हिल-डुल रहा था और उसे पानी की कमी भी लग रही थी। हालत गंभीर थी और उपचार के बावजूद दोपहर करीब 3 बजे उसकी मौत हो गई। उसे कृत्रिम दूध और अन्य सहायक दवाएं दी गई थीं, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
चार में से एक अन्य शावक को पहले ही हाथों से पालने का निर्णय लिया गया था और डॉक्टरों की निगरानी में उसकी हालत अब बेहतर बताई जा रही है। उसका वजन लगभग 150 ग्राम बढ़ा है। चौथा शावक स्वस्थ है और मां महागौरी के साथ है। उन दोनों पर सीसीटीवी के जरिए नजर रखी जा रही है।
पहले शावक की मौत मंगलवार को हुई थी। उस समय बताया गया था कि उसका विकास पूरा नहीं हुआ था। उसी दिन एक अन्य शावक को अस्पताल में भर्ती कर हाथों से पालन करने का निर्णय लिया गया।
महागौरी और महेश्वर नाम के शेरों से रविवार को चार शावकों का जन्म हुआ था। यह दिल्ली चिड़ियाघर में 2009 के बाद शेरों का पहला सफल प्रजनन था। दोनों शेरों को 2021 में गुजरात के जूनागढ़ से दिल्ली लाया गया था, जब वे शावक थे।
1959 में स्थापित दिल्ली चिड़ियाघर में फिलहाल 95 प्रजातियों के जानवर और पक्षी रहते हैं। यहां पहली बार 1969 में शेरों की एक जोड़ी लाई गई थी।