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कहीं आप भी तो नहीं खा रहे नकली कुट्टू के आटे के व्यंजन! जानें कैसे करें असली-नकली की पहचान

नई दिल्ली। नवरात्र प्रारंभ हो चुका है। ऐसे में व्रतधारी सबसे ज्यादा कुट्टू के आटे का सेवन करते हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहले दिल्ली से कुट्टू के आटा खाने के कारण 200 से अधिक लोगों के बीमार होने की खबर आई थी। जो कुट्टू का आटा सबसे अधिक खाया जाता है, उसके गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि असली-नकली में पहचान कैसे करें। आप असली कुट्टू के आटे की पहचान करने के लिए कई आसान तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस तरह करें पहचान
1. रंग और बनावट
असली आटे का रंग हल्का भूरा या गहरा भूरा होता है और यह छूने में दानेदार और थोड़ा खुरदुरा लगता है। वहीं, नकली आटे में मैदा या अन्य कोई और सस्ता आटा मिला होने के कारण यह बहुत महीन और चिकना होता है।
2. खुशबू
असली आटे में ताजी, मिट्टी जैसी या अखरोट जैसी हल्की खुशबू आती है। नकली आटे में पुराना या मिलावटी होने पर इसमें खट्टी या बासी गंध आ सकती है।
3. पानी से जांच
एक गिलास पानी में एक चम्मच कुट्टू का आटा डालें। उसके बाद असली आटा पानी के ऊपर तैरता रहेगा और धीरे-धीरे घुलेगा। नकली आटा या तो तुरंत पानी के नीचे बैठ जाएगा या फिर पानी में गुठलियां बनकर चिपक जाएगा।
4. तेल से जांच
एक चम्मच कुट्टू के आटे में तेल मिलाएं। उसके बाद असली आटे में तेल के साथ मिलकर कोई गांठ नहीं बनाएगा। वहीं, नकली आटे में तेल के साथ मिलाने पर यह गांठें (लंप्स) बना देगा।
5. स्वाद
असली आटे से बनी पूड़ी या पकौड़े का स्वाद हल्का मीठा होता है, जो देर तक पेट को भरा रखता है। मिलावटी आटे से बनी चीजें अक्सर बेस्वाद होती हैं।
6. पैकेजिंग पर ध्यान दें
हमेशा ब्रांडेड और सीलबंद पैकेट वाला आटा ही खरीदें। पैकेट पर FSSAI का मार्क, कंपनी का नाम, निर्माण की तारीख (मैन्युफैक्चरिंग डेट) और समाप्ति की तारीख (एक्सपायरी डेट) जरूर देखें। खुले में बिक रहे आटे को लेने से बचें।
कैसे स्टोर करना चाहिए कुट्टू का आटा?
- कुट्टू के आटा को एयर टाइट कंटेनर में ही रखें।
- ठंडे और सूखे जगह पर रखें।
- 6 महीने से पहले-पहले ही इसका यूज कर लें।