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55 दिन ही 'आजाद' रह पाए आजम! जमानत पर छूटे थे, इस मामले में बेटे के साथ भेजे गए रामपुर जेल

रामपुर। सपा नेता आजम खान को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। हाल ही में जेल से निकले आजम खान एक बार फिर जेल चले गए हैं। यहां तक कि इस बार आजम खान महज 55 दिन ही बाहर रह पाए। दरअसल, दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया। कोर्ट ने इस मामले में आज दोनों को सात साल की सजा सुनाई है।
50–50 हजार रुपये के जुर्माने से किया दंडित
बता दें कि दोपहर बाद कोर्ट ने सजा सुनाते हुए आजम खां और अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की कैद और 50–50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। इसके बाद दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जिला जेल भेज दिया गया। यह मामला 2019 में गंज थाने में दर्ज हुआ था। जब शहर विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम पर दो जन्म प्रमाणपत्र रखने का आरोप लगाया था। उन्होंने दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि एक लखनऊ नगर निगम का और दूसरा रामपुर नगरपालिका परिषद से बनाया गया है। विवेचना के बाद पुलिस ने आजम खां, अब्दुल्ला और पूर्व विधायक डॉ. तजीन फात्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सुनवाई एमपी-एमएलए विशेष न्यायाधीश शोभित बंसल की अदालत में चल रही थी।
हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी कर दी निरस्त
कोर्ट के फैसले के समय वादी और भाजपा विधायक आकाश सक्सेना भी कोर्ट में मौजूद रहे। उनके कोर्टरूम में प्रवेश करते ही उनकी नजर आजम खां और अब्दुल्ला से मिली। बाहर निकलकर विधायक आकाश सक्सेना ने फैसले को सत्य और न्याय की जीत बताया। सपा नेता आजम खां रामपुर विधानसभा सीट से दस बार विधायक रहे चुके हैं। वो प्रदेश में चार बार कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा को 2019 में रामपुर संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव जीते थे और एक बार वो राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने पुत्र अब्दुल्ला को उन्होंने 2017 में विधायक तो बनवा दिया लेकिन उम्र के विवाद में हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी निरस्त कर दी।
हाईकोर्ट में चुनावी याचिका की थी दायर
दरअसल शैक्षिक प्रमाणपत्रों में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 01 जनवरी 1993 है। इसके हिसाब से वो 2017 का विधानसभा चुनाव के दौरान न्यूनतम आयु की सीमा को पूरा नहीं करते थे। ऐसी स्थिति में उन्होंने अपनी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 बताकर चुनाव लड़ा। उनका एक जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से जारी हुआ है दो दूसरा रामपुर नगरपालिका से। 2017 में जब अब्दुल्ला ने सपा की टिकट पर चुनाव जीता था तो उनके मुकाबले बसपा के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने उनके निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर की थी।




