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Bahraich Violence: रामगोपाल के हत्यारों को कोर्ट ने सुनाई सजा! आरोपी सरफराज को फांसी, 9 दोषियों को उम्रकैद...

Aryan
11 Dec 2025 6:30 PM IST
Bahraich Violence: रामगोपाल के हत्यारों को कोर्ट ने सुनाई सजा! आरोपी सरफराज को फांसी,  9 दोषियों को उम्रकैद...
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पिछले साल दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के समय 13 अक्टूबर को रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

बहराइच। बहराइच के चर्चित रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। जानकारी के अनुसार, इस हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 10 लोग दोषी माने गए हैं। बता दें कि इस हत्याकांड में दोषी 9 लोगों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि मुख्य आरोपी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों पर एक लाख का जुर्माना लगाया है।

प्रथम अपर जिला जज की अदालत ने सुनाया फैसला

दरअसल बहराइच कोर्ट ने जिन 10 लोगों को दोषी ठहराया था। उनमें अब्दुल हमीद और उसके तीन बेटे सहित छह अन्य लोग भी शामिल थे। दोषियों के नाम में अब्दुल हमीद, उसके बेटे फहीम, सरफराज, तालिब, सैफ, जावेद खान, जिशान, ननकऊ, शोएब, मारुफ अली, खुर्शीद, अफजल और शकील शामिल हैं। वहीं, इस मामले में तीन आरोपियों शकील अहमद, बबलू अफजल उर्फ कल्लू और खुर्शीद को कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया था।

दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्या हुई थी

बता दें कि पिछले साल दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के समय 13 अक्टूबर को रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था

इस मामले पुलिस ने की जांच करने के बाद 11 जनवरी 2025 को अपर सत्र जज की अदालत में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले से जुड़े 12 गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी थी। 21 नवंबर को जज ने फैसला सुरक्षित रखा और दिसंबर में 10 आरोपियों को दोषी ठहराया और तीन को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।

मृतक रामगोपाल के बड़े भाई ने कहा था

गौरतलब है कि फैसला आने से पहले मृतक रामगोपाल के बड़े भाई ने कहा था कि मुझे पता चला कि मेरा छोटा भाई घायल हो गया है, जब मैं मौके पर पहुंचा, तो मुझ पर भी हमला किया गया। उन्होंने मुझे लाठी, रॉड और धारदार हथियारों से मारा था। असली गुनहगार अभी भी आजाद हैं, उन्हें रिहा कर दिया गया है।

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