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कानूनी सहायता एक नैतिक कर्तव्य... सेवानिवृत्ति से पहले CJI बी.आर. गवई ने दिए कई अहम सुझाव! जानें क्या-क्या

Aryan
9 Nov 2025 9:00 PM IST
कानूनी सहायता एक नैतिक कर्तव्य... सेवानिवृत्ति से पहले CJI बी.आर. गवई ने दिए कई अहम सुझाव! जानें क्या-क्या
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CJI बी.आर. गवई ने कहा कि जब वह NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष थे, तो उनके सहयोगी न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने एक साथ मिलकर देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा की और काम किया था।

नई दिल्ली। देश के चीफ जस्टिस CJI गवई ने आज यानी रविवार को कहा कि कानूनी सहायता केवल दान नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जो लोग कानूनी सहायता के कार्य में लगे हैं, उन्हें अपने कर्तव्य को प्रशासनिक दृष्टि के साथ निभाना चाहिए, ताकि नीति निर्माण में निरंतरता बनी रहे।

सीजेआई ने दिया सुझाव

राष्ट्रीय सम्मेलन और कानूनी सेवा दिवस के समापन समारोह में सीजेआई ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण में एक सलाहकार समिति बनाई जाए, जिसमें वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष और दो-तीन भविष्य के कार्यकारी प्रमुख शामिल हों, ताकि नीति निर्माण में निरंतरता बनी रही।

न्याय के प्रशासक के रूप में सोचना होगा

CJI गवई ने कानूनी सहायता से जुड़े अधिकारियों, प्रशासकों और स्वयंसेवकों से अपेक्षा की कि वे अपनी भूमिका को केवल कानूनी प्रक्रिया तक सीमित न रखें। उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता सिर्फ दान का कार्य नहीं, बल्कि एक नैतिक कर्तव्य है। यह सुशासन का एक अभ्यास है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कानून का शासन हमारे देश के हर कोने तक पहुंचे।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानूनी सहायता कर्मियों को न्याय के प्रशासक की तरह सोचना चाहिए। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कानूनी सहायता संस्थाओं के काम का असली पैमाना आंकड़ों में नहीं, बल्कि उन नागरिकों के विश्वास में निहित है, जिन्हें एक बार अदृश्य महसूस कराया गया था, लेकिन अब उन्हें न्याय व्यवस्था पर विश्वास है।

नीतिगत निरंतरता के लिए सलाहकार समिति का सुझाव

CJI गवई ने कानूनी सेवा प्राधिकरणों को एक दीर्घकालिक संस्थागत दृष्टिकोण के साथ अपने प्रयासों को वैचारिक रूप देने और निष्पादित करने की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्राथमिकताएं अक्सर व्यक्तिगत कार्यकारी अध्यक्षों के कार्यकाल से निर्धारित होती हैं।

NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं CJI गवई

बता दें कि CJI गवई जो कि 23 नवंबर को अपना पद छोड़ने वाले हैं। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि जब वह NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष थे, तो उनके सहयोगी न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने एक साथ मिलकर देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा की और काम किया था।


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