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Bharam Muhurat: ब्रह्म मुहूर्त में करने चाहिए इन मंत्रों का उच्चारण, सुख शांति से भर जाएगा जीवन

Anjali Tyagi
12 Nov 2025 8:00 AM IST
Bharam Muhurat: ब्रह्म मुहूर्त में करने चाहिए इन मंत्रों का उच्चारण, सुख शांति से भर जाएगा जीवन
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नई दिल्ली। ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 5:30 बजे के बीच) को spiritual और आर्थिक समृद्धि के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन में धन, सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है। ब्रह्म मुहूर्त में उच्चारण करने योग्य प्रमुख मंत्र निम्नलिखित हैं:

1. कर दर्शनम् मंत्र

सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि हथेलियों में देवी-देवताओं का वास होता है।

मंत्र:

"कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।

करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्" ॥

लाभ: इस मंत्र के जाप से मां लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान गोविंद का आशीर्वाद मिलता है, जिससे धन, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

2. गायत्री मंत्र

ब्रह्म मुहूर्त में गायत्री मंत्र का जाप सबसे अधिक फलदायी माना गया है। यह मंत्र मानसिक शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है।

मंत्र:

"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्" ॥

लाभ: इसके जाप से बुद्धि तेज होती है, जीवन के कष्ट दूर होते हैं और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

3. महालक्ष्मी मंत्र

धन-धान्य से जीवन भरने के लिए मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप विशेष रूप से लाभकारी है।

मंत्र:

"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" ॥

लाभ: इस मंत्र के नियमित जाप से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

4. महामृत्युंजय मंत्र

अगर आप जीवन के सभी कष्टों और भय से मुक्ति चाहते हैं, तो इस मंत्र का उच्चारण करें।

मंत्र:

"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्" ॥

लाभ: यह मंत्र जीवन के सभी कष्टों को दूर करता है और लंबी आयु तथा अच्छे स्वास्थ्य का वरदान देता है।

5. भगवान शिव के नाम

ब्रह्म मुहूर्त में भगवान शिव का ध्यान करते हुए उनके 11 नामों या 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

लाभ: इससे मन शांत होता है, जीवन में स्थिरता आती है और नकारात्मकता दूर होती है। इन मंत्रों का जाप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत्त होकर, शांत मन से करने पर विशेष लाभ मिलता है।

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