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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तेज प्रताप यादव महुआ से लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव, बोले- 'नीतीश चाचा इस बार सीएम नहीं बनेंगे'

DeskNoida
26 July 2025 10:47 PM IST
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तेज प्रताप यादव महुआ से लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव, बोले- नीतीश चाचा इस बार सीएम नहीं बनेंगे
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पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेज प्रताप ने तीखा हमला बोला और कहा, "नीतीश चाचा इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।"

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से नाता तोड़ चुके तेज प्रताप यादव ने शनिवार को ऐलान किया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरेंगे। पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेज प्रताप ने तीखा हमला बोला और कहा, "नीतीश चाचा इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "जो युवा, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की बात करेगा, मैं उसका खुलकर समर्थन करूंगा।" इस बयान से स्पष्ट है कि वह अब अपनी राजनीतिक राह खुद तय कर रहे हैं।

पारिवारिक मतभेद और सार्वजनिक बयानबाज़ी

तेज प्रताप का यह कदम उस समय आया है जब हाल ही में उनके पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया था। लालू ने तेज प्रताप पर "ग़ैरज़िम्मेदाराना रवैये" का आरोप लगाया था। इसके बाद तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि कुछ "लोभी लोग" परिवार को उनके खिलाफ भड़का रहे हैं।

शुक्रवार को यह पारिवारिक विवाद सोशल मीडिया पर भी दिखा जब तेज प्रताप ने अपनी बहनों – मीसा भारती, राज लक्ष्मी, हेमा यादव – और यहां तक कि राजद के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट को भी अनफॉलो कर दिया। हालांकि उन्होंने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को अभी तक अनफॉलो नहीं किया है।

महुआ: पुराना गढ़, नई लड़ाई

महुआ सीट तेज प्रताप की राजनीतिक शुरुआत का केंद्र रही है। 2015 में उन्होंने यहीं से राजद के टिकट पर चुनाव जीतकर नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री पद संभाला था। लेकिन 2020 के चुनाव में यह टिकट राजद ने मुकेश कुमार रौशन को दे दिया, जिन्होंने सीट पर कब्जा बनाए रखा।

अब तेज प्रताप फिर से अपनी "कर्मभूमि" को वापस पाने की कोशिश में हैं – चाहे उन्हें पिता का समर्थन मिले या न मिले।

चुनावी रण में नया मोड़

जैसे-जैसे बिहार में चुनावी माहौल गर्म होता जा रहा है, तेज प्रताप का यह स्वतंत्र राजनीतिक कदम चुनावी परिदृश्य को और अधिक दिलचस्प बना रहा है। अब सवाल ये है कि क्या तेज प्रताप की व्यक्तिगत पहचान और भावनात्मक अपील उन्हें महुआ में जीत दिला पाएगी? या यह एक ऐसा दांव है, जो खुद यादव परिवार के लिए भी जोखिम भरा साबित हो सकता है?

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