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बिहार मतदाता सूची विवाद: कांग्रेस ने लगाया EC पर 89 लाख शिकायतें खारिज करने का आरोप

बिहार में मतदाता सूची (SIR) को लेकर कांग्रेस और चुनाव आयोग (EC) आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उसके बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) द्वारा दर्ज की गई 89 लाख शिकायतें और आपत्तियां चुनाव आयोग ने खारिज कर दीं। वहीं, आयोग का कहना है कि शिकायतें निर्धारित प्रारूप में नहीं मिलीं, लेकिन जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बड़े पैमाने पर की गई अनियमितताएं चुनाव आयोग की नीयत पर सवाल खड़ा करती हैं। उन्होंने मांग की कि SIR प्रक्रिया को दोबारा कराया जाए।
खेड़ा ने दावा किया कि कांग्रेस ने 90,540 बूथों से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई थीं। इसमें से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए।
25 लाख लोगों के नाम माइग्रेशन की वजह से हटाए गए।
22 लाख मतदाताओं के नाम मृत घोषित करके हटाए गए।
9.7 लाख नाम पते पर अनुपस्थित होने के कारण डिलीट हुए।
उन्होंने कहा कि 20,368 बूथों पर 100 से ज्यादा नाम हटाए गए, जबकि 1,988 बूथों पर 200 से ज्यादा नाम डिलीट हुए। खासकर महिलाओं के नामों को बड़ी संख्या में हटाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) कार्यालय ने कहा कि अब तक किसी भी जिले के कांग्रेस BLAs ने निर्धारित फॉर्म (Form 6 या Form 7) में शिकायत दर्ज नहीं कराई।
बाद में जारी एक अन्य बयान में आयोग ने कहा कि जिला कांग्रेस अध्यक्षों द्वारा दिए गए प्रतिनिधित्व पर शपथपत्र लेने के बाद EROs व्यापक निर्णय करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का हवाला
CEO कार्यालय ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 22 अगस्त के आदेश में साफ है कि अगर 12 राजनीतिक दल गलत नामों की सूचना देते हैं, तो EROs को निर्धारित प्रारूप में उसे दर्ज कर कार्रवाई करनी होगी।