Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

राहुल गांधी के ‘चुनाव में मैच फिक्सिंग’ वाले आरोप पर भाजपा का पलटवार, कहा- ‘चुनाव हारते ही इनका रोना-धोना शुरू’…

Divyanshi
7 Jun 2025 5:52 PM IST
राहुल गांधी के ‘चुनाव में मैच फिक्सिंग’ वाले आरोप पर भाजपा का पलटवार, कहा- ‘चुनाव हारते ही इनका रोना-धोना शुरू’…
x
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को मैच फिक्सिंग बताया और कहा कि ऐसा ही बिहार चुनाव में भी होगा

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को मैच फिक्सिंग बताते हुए भाजपा पर आरोप लगाए थे। अब इसे लेकर भाजपा ने भी राहुल गांधी के इस बयान पर करारा हमला बोला है। मामले में भाजपा की तरफ से कहा गया है कि उन्हें जनता का समर्थन नहीं मिलता इसलिए लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं।

दरआसल, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पर लोकतंत्र की चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने इसे मैच फिक्सिंग बताया और कहा कि ऐसा ही बिहार चुनाव में भी होने वाला है।

धर्मेन्द्र प्रधान ने किया पलटवार

भाजपा नेता धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि अनेकों बार चुनावों में जनता द्वारा नकारे जाने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस सत्य को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। हर चुनावी हार के बाद चुनाव आयोग और जनादेश को कठघरे में खड़ा करना राहुल गांधी की हताशा है। नेता प्रतिपक्ष को पहले तो अपनी पार्टी के इतिहास को पढ़ना चाहिए। चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को match fixing बोलने वाले ये वही लोग हैं, जिन्होंने चुनाव में हार के बाद अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोप दिया था। परिवारवाद से ग्रसित राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहे अथवा न रहे, इन लोगों की मानसिकता हमेशा देश को अपनी बपौती समझने की रही है। चुनाव में जीते तो लोकतंत्र, चुनाव आयोग और EVM सब ठीक है। लेकिन, अगर हार गए तो पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था झूठी हो जाती है और देश का लोकतंत्र खतरे में आ जाता है।

‘उनका लक्ष्य स्पष्टता नहीं, अराजकता है’

बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी को यह समझ नहीं है कि चुनावी प्रक्रिया कैसे काम करती है। उन्हें यह अच्छी तरह से समझ है। लेकिन उनका लक्ष्य स्पष्टता नहीं, अराजकता है। हमारी संस्थागत प्रक्रियाओं के बारे में मतदाताओं के मन में संदेह और असहमति के बीज बोने के उनके बार-बार प्रयास जानबूझकर किए गए हैं। जब कांग्रेस जीतती है, चाहे वह तेलंगाना हो या कर्नाटक उसी प्रणाली को निष्पक्ष और न्यायपूर्ण बताया जाता है। लेकिन जब वे हारते हैं, हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक तो रोना-धोना और साजिश के सिद्धांत बिना किसी चूक के शुरू हो जाते हैं।

Next Story