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'खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे...', राज्यसभा में जयशंकर की दो टूक, पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश

Anjali Tyagi
30 July 2025 12:45 PM IST
खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे..., राज्यसभा में जयशंकर की दो टूक, पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
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राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी बात रखते हुए सिंधु जल समझौते पर कहा- हमने सिंधु जल संधि को सस्पेंड किया।

नई दिल्ली। राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी बात रखते हुए सिंधु जल समझौते की पूरी बात रखीं।। विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों को राजस्थान और हिमाचल के किसानों की नहीं बल्कि पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब की चिंता थी। उनका कहना है कि सिंधू का पानी पाकिस्तान को देकर शांति की कीमत चुकाई लेकिन ऐसा नहीं है। यह तुष्टीकरण की कीमत थी।

क्या बोले जयशंकर

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा-"सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनोखा समझौता है। मैं दुनिया में ऐसे किसी भी समझौते के बारे में नहीं सोच सकता जहां किसी देश ने अपनी प्रमुख नदियों को उस नदी पर अधिकार के बिना दूसरे देश में बहने दिया हो। इसलिए यह एक असाधारण समझौता था और, जब हमने इसे स्थगित कर दिया है, तो इस घटना के इतिहास को याद करना जरूरी है। कल मैंने लोगों को सुना, कुछ लोग इतिहास से असहज हैं। वे चाहते हैं कि ऐतिहासिक बातें भुला दी जाएं। शायद यह उन्हें शोभा नहीं देता, वे बस कुछ बातों को याद रखना पसंद करते हैं।"

भारत क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म झेल रहा है

एस. जयशंकर ने कहा- "सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपना समर्थन पूरी तरह से नहीं छोड़ देता। उन्होंने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे।" हमने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया। हमने ऑपरेशन सिंदूर में लक्ष्य को हासिल किया। आधे घंटे के एक्शन में हमने पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी संगठनों को निशाना बनाया। हमारे टारगेट में आम लोग नहीं थे। जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा से क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म झेल रहा है। कोई भी ऐसा देश नहीं जो इतनी आतंकवादी घटनाएं झेल रहा है।

फिक्र पाकिस्तानी किसानों की थी...

कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उनको फिक्र थी पाकिस्तानी किसानों की थी, हमें फिक्र हैं हिमाचल-राजस्थान के किसानों की। सिंधु जल समझौता शांति की कीमत थी नहीं ये तुष्टीकरण की कीमत थी। इसी के साथ जयशंकर ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला किया।

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