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Brahma Pushkar Temple: पूरे भारत में ब्रह्मा जी का है सिर्फ एक ही मंदिर, जानें क्यों नहीं होती कहीं भी ब्रह्मा जी की पूजा

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सर्वोच्च देवताओं का दर्जा प्राप्त है। इन त्रिदेवों में आपको भगवान शिव और विष्णु जी के कई मंदिर दुनिया भर में मिल जाएंगे। प्रतिदिन इन दोनों देवताओं की पूजा भक्तों के द्वारा की जाती है, और इनके मंदिरों में दर्शन करने भी भक्त जाते हैं। लेकिन त्रिदेवों में से एक ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती, दुनिया भर में इनका एक मात्र मंदिर राजस्थान में है। क्या आप जानते हैं कि, आखिर क्यों ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती और क्यों इनके मंदिर नहीं बनवाए जाते?
पुष्कर में है दुनिया का एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर
राजस्थान के पुष्कर में बना भगवान ब्रह्मा का मंदिर अपनी एक अनोखी विशेषता की वजह से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है, यह ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है। हिन्दू धर्म में भगवान ब्रह्मा को संसार का रचनाकार माना जाता है।
इसलिए नहीं होती ब्रह्मा जी की पूजा
पुराणों में ब्रह्मा जी को दिए गए श्राप को लेकर बताया गया है कि एक बार ब्रह्मा जी के हाथ से कमल का फूल धरती पर गिर गया, जिस वक्त वे अपने वाहन हंस पर सवार होकर अग्नि यज्ञ के लिए सही स्थान की तलाश कर रहे थे। जिस स्थान पर कमल गिरा, वहां पर एक झरना बना और उसमें 3 सरोवरों का निर्माण हो गया। जिन जगहों पर सरोवर बनें उन्हें ब्रह्म पुष्कर, विष्णु पुष्कर और शिव पुष्कर के नाम से आज जाना जाता है।
जब ब्रह्मा जी ने देखा कि कमल के गिरने से सरोवरों का निर्माण हुआ है तो उन्होंने उसी जगह पर अग्नि यज्ञ करने का निर्णय लिया। यज्ञ के लिए ब्रह्मा जी के साथ उनकी पत्नी का होना आवश्यक था लेकिन उनकी पत्नी सावित्री वहां नहीं थीं और शुभ मुहूर्त निकला जा रहा था। इसे देखते हुए ब्रह्मा जी ने उस समय वहां मौजूद एक स्त्री से विवाह कर उनके साथ यज्ञ को संपन्न किया।
जब ये बात देवी सावित्री के पास पहुंची तो वे काफी कुपित हो गईं और उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि जिसने पूरी सृष्टि की रचना की है, उसी की सृष्टि में कहीं भी पूजा नहीं की जाएगी। इसके साथ ही पुष्कर के अलावा विश्वभर में कही ब्रह्मा जी का मंदिर नहीं होगा। इसी श्राप की वजह से ब्रह्मा जी की पूजा नहीं होती है।