
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- सेलिना जेटली ने बयां...
सेलिना जेटली ने बयां किया दर्द, बताया ट्विन्स बेबी के बाद उन्हें कोलेस्टेसिस जैसे गंभीर बीमारी का करना पड़ा सामना, जानें क्या होती है बीमारी

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली जो पिछले काफी समय से बड़े पर्दे से गायब हैं। वहीं उनके फैंस अभिनेत्री के पर्दे पर वापसी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि ऐक्ट्रेस जुड़वां बच्चों की मां हैं। इस बीच उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपने उस दर्द को फैंस के साथ शेयर किया है। जिसमें उन्होंने प्रेग्नेंसी के दौरान आई समस्या के बारे में बताया।
उनके परिवार में ट्विन्स, जेनेटिक स्पेशलिटी
दरअसल, सेलिना ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बताया कि इस दौरान उन्हें कोलेस्टेसिस, शुगर समेत और भी कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इंस्टाग्राम के स्टोरीज सेक्शन पर पोस्ट कर अभिनेत्री ने महिलाओं को जागरूक और प्रेरित करने की कोशिश की।
सेलिना जेटली ने अपने बच्चों के साथ तस्वीरें पोस्ट करते हुए बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में ट्विन्स, जेनेटिक स्पेशलिटी है। उनकी मां ने भी जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन एक हादसे में उन्हें खो दिया। सेलिना ने बताया कि उनकी परदादी को भी जुड़वां बच्चों को जन्म देने के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
गंभीर पेल्विक दर्द के साथ कोलेस्टेसिस हुआ
बता दें कि सेलिना ने कहा कि मुझे प्रेग्नेंसी के दौरान शुगर और गंभीर पेल्विक दर्द के साथ कोलेस्टेसिस हुआ, जो जुड़वां बच्चों के दौरान होने वाली आम समस्या है। यह एक ऐसी स्थिति थी, जिसने मुझे लगभग तोड़ दिया। इस दर्द से मैं बहुत मुश्किल में थी।
सेलिना ने इसको लेकर आगे बताया कि उनकी स्त्री रोग विशेषज्ञ ने इस समस्या की समय रहते पहचान की और उन्हें दुबई के एक जॉर्डनियन हेपेटोलॉजिस्ट के पास भेजा। डॉक्टर ने न केवल उनका इलाज किया, बल्कि उनके लिए प्रार्थना भी की, जिससे सेलिना को भावनात्मक ताकत मिली। उनका इलाज उर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड दवा से हुआ, जो कोलेस्टेसिस में बाइल एसिड को कम करती है।
कोलेस्टेसिस लिवर से जुड़ी समस्या है
बता दें कि कोलेस्टेसिस लिवर से जुड़ी समस्या है। जिसमें हथेलियों और तलवों में असहनीय खुजली होती है। यह बच्चे और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। बच्चों में समय से पहले जन्म या जन्म के दौरान कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर इलाज न हो, तो गंभीर मामलों में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है।