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Census: 2027 में होने वाली जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी, आजादी के बाद आठवीं जनगणना

नई दिल्ली। भारत सरकार ने वर्ष 2027 में होने वाली जनगणना को लेकर औपचारिक अधिसूचना आज जारी कर दी है। इस बार की जनगणना पिछले बार से अलग होगी। दरअसल इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी और पहली बार इसमें जातिगत आंकड़े भी जुटाए जाएंगे। बता दें कि आजाद भारत की यह आठवीं जनगणना है।
क्यों खास है इस बार की जनगणना
काफी लंबे समय के बाद भारत सरकार ने देश की अगली जनगणना की घोषणा की है। इस 2027 की जनगणना में जाति धर्म, आर्थिक व सामाजिक स्थिति और पारिवारिक संरचना से संबंधित कई महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाए जाएंगे। जनगणना और जाति जनगणना दोनों एक साथ संचालित किए जाएंगे।
आज से प्रक्रिया शुरू
अधिसूचना जारी होने के बाद इसकी तैयारी आज से शुरू कर दी गई है। यह जनगणना फरवरी 2027 में शुरू होकर एक मार्च तक चलेगी। आम जनता अपने परिवार का विवरण ऑनलाइन दर्ज करा सकेगी।
स्वतंत्रता के बाद आठवीं जनगणना
बता दें कि भारत में पिछली जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी और यह जनगणना 16 सालों के बाद होगी। आजादी के बाद यह आठवीं जनगणना होगी इस बार जनगणना डिजिटल माध्यम से मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए की जाएगी। आम जनता के लिए स्व-गणना की सुविधा भी मिलेगी। यह जनगणना दो चरणों में होगी। जिसमें 34 लाख गणक और सुपरवाइजर मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ काम करेंगे।
क्या बोले अमित शाह
गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, '16वीं जनगणना में पहली बार जाति गणना शामिल होगी। 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी आधुनिक मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ यह कार्य करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 1 अक्तूबर, 2026 से और देश के बाकी हिस्से में 1 मार्च, 2027 से जातियों की गणना और जनगणना का कार्य शुरू होगा।'