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Chardham Yatra 2025: अगर जा रहे है चारधाम यात्रा पर तो हो जाए सावधान, रास्ते पर जल्दबाजी डाल सकती है परेशानी में

देहरादून। चारधाम यात्रा की शुरूआत आज से हो गई है। जिसमें यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुल गए है। लेकिन अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जाना चाहते है, तो कृपया ध्यान दें! यात्रा मार्ग पर सावधानी बरतें। कई स्थानों पर सड़क अभी भी सिंगल लेन है और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। यात्रा से पहले मार्ग की स्थिति जान लें और सुरक्षित यात्रा करें। इन रास्ते पर जल्द बाजी आपको परेशानी में डाल सकती है।
क्या है परेशानी?
दरअसल, दोनों ही हाईवे पर अभी चारधाम सड़क परियोजना का काम पूरा नहीं हो पाया है। यमुनोत्री मार्ग पर जहां 20 किमी तक सड़क सिंगल लेन है। वहीं, गंगोत्री हाईवे पर जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से भैरोंघाटी तक कई स्थानों पर सड़क संकरी है। इसके साथ ही दोनों ही हाईवे पर भूस्खलन व दुर्घटना संभावित जोन भी हैं।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग
यमुनोत्री धाम दो प्रमुख सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है। इनमें से एक दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर विकासनगर से डामटा होते हुए हैं। विकास नगर से डामटा करीब 65 किमी दूरी पर है। यहां से करीब 40 किमी दूरी तय कर बड़कोट पहुंचना होता है। सिलाई बैंड के तीव्र व संकरे मोड़ पर बिना बारिश के भी पत्थर गिरने का भय बना रहता है। इससे आगे ओजरी डाबरकोट में भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट नहीं हो सका है। हालांकि सड़क पर सुधारीकरण किया गया है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक 6 किमी की खड़ी चढ़ाई भी तीर्थयात्रियों की परीक्षा लेती है।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्री ऋषिकेश से धरासू तक 134 किमी का सफर करके पहुंचते हैं। इसके बाद धरासू से चुंगी बड़ेथी तक करीब करीब 43 किमी दूरी तय करनी पड़ती है। इस बीच तीर्थयात्रियों को रतूड़ी सेरा व बंदरकोट में भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट कार्य गतिमान होने से सावधानी बरतनी होगी। यह कार्य मानसून से पहले पूरा नहीं किया गया तो परेशानी का सबब बन सकता है। बड़ेथी-तेखला मार्ग से रुट डायवर्ट किए जाने से राहत रहती है। लेकिन मांडों में धंस रही सड़क परेशानी खड़ी कर सकती है।