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सीएम योगी का नया समीक्षा मॉडल: मासिक से साप्ताहिक निगरानी, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई

DeskNoida
16 Dec 2025 11:30 PM IST
सीएम योगी का नया समीक्षा मॉडल: मासिक से साप्ताहिक निगरानी, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
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मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अब सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों की निगरानी केवल औपचारिक नहीं रहेगी, बल्कि हर स्तर पर नियमित और गहन समीक्षा की जाएगी।

उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नया और सख्त समीक्षा तंत्र लागू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अब सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों की निगरानी केवल औपचारिक नहीं रहेगी, बल्कि हर स्तर पर नियमित और गहन समीक्षा की जाएगी। कार्यों में देरी या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जाएगी।

मंगलवार को लखनऊ स्थित एनेक्सी में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य, वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट आवंटन और विभिन्न विभागों के व्यय की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों की मासिक, पाक्षिक और साप्ताहिक समीक्षा की स्पष्ट व्यवस्था लागू की जाए।

मुख्यमंत्री ने विभागवार समीक्षा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में प्रदेश सही रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और इसमें और तेजी लाने की जरूरत है। अधिकारियों ने बैठक में जानकारी दी कि प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वर्तमान में 29.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार देश की कुल अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान 9 प्रतिशत हो गया है, जो वर्ष 2022-23 में 8.6 प्रतिशत था। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि निर्धारित जीएसडीपी लक्ष्य का लगभग 93 प्रतिशत पहले ही हासिल किया जा चुका है और अब करीब 42 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य की दिशा में कार्य जारी है।

सीएम योगी ने निर्देश दिए कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी से जुड़े विभागों की मासिक समीक्षा मंत्री स्तर पर, पाक्षिक समीक्षा मुख्य सचिव द्वारा और साप्ताहिक समीक्षा अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों द्वारा अनिवार्य रूप से की जाए। उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठकों में केवल औपचारिकता न हो, बल्कि गुणवत्ता के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कार्य तय समय-सीमा में पूरे हों। फाइलों के निस्तारण में अनावश्यक देरी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने कार्यों से संबंधित रियल टाइम डेटा समय पर अपलोड करें और डेटा संकलन की प्रक्रिया को और तेज किया जाए। केंद्र सरकार से संबंधित योजनाओं में केंद्रांश समय पर मिले, इसके लिए मंत्री और अधिकारी केंद्र के अधिकारियों से लगातार संवाद बनाए रखें। साथ ही, बजट आवंटन का समय से और पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। नियोजन विभाग को सभी विभागों का साप्ताहिक डेटा एकत्र करने के लिए मजबूत तंत्र विकसित करने को कहा गया।

कृषि क्षेत्र की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 21 प्रतिशत का योगदान देता है। कृषि रणनीति के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की कृषि विकास दर 13 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। इस दिशा में सीड पार्क के निर्माण और यूपी एग्रीज परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए।

परिवहन और सड़क सुरक्षा पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। कोहरे और खराब मौसम को देखते हुए विशेष रणनीति तैयार करने और परिवहन विभाग की व्यापक समीक्षा बैठक बुलाने के निर्देश दिए गए। साथ ही, कॉमर्शियल वाहनों की पंजीकरण फीस को व्यावहारिक बनाने और आम लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण बस सेवाओं में वृद्धि करने को कहा गया।

पर्यटन क्षेत्र पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए हैं और इस वर्ष जून तक लगभग 125 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश पहुंचे हैं। गढ़मुक्तेश्वर को पश्चिमी यूपी का प्रमुख तीर्थ स्थल बताते हुए वहां सुविधाओं के विस्तार, होम-स्टे पॉलिसी के प्रभावी क्रियान्वयन और होटल उद्योग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, डिजिटल लाइब्रेरी, आंगनबाड़ी केंद्रों के उन्नयन, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्र में भी प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि अब विकास कार्यों में ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है और परिणाम आधारित शासन ही सरकार की प्राथमिकता रहेगी।

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