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हिंदुत्व पर बहस में हिंदुओं को ही रखा बाहर, अमेरिकी यूनिवर्सिटी में मचा बवाल

DeskNoida
29 Oct 2025 11:40 PM IST
हिंदुत्व पर बहस में हिंदुओं को ही रखा बाहर, अमेरिकी यूनिवर्सिटी में मचा बवाल
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इस कार्यक्रम में हिंदुत्व को अमेरिकी समाज में मुसलमानों, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने वाली विचारधारा के रूप में चित्रित किया गया।

अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित रटगर्स यूनिवर्सिटी (Rutgers University) में आयोजित एक कार्यक्रम ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिक्योरिटी, रेस एंड राइट्स (CSRR) द्वारा आयोजित इस पैनल चर्चा का विषय था — “Hindutva in America: A Threat to Equality and Religious Pluralism” यानी “अमेरिका में हिंदुत्व: समानता और धार्मिक बहुलवाद के लिए खतरा।”

इस कार्यक्रम में हिंदुत्व को अमेरिकी समाज में मुसलमानों, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने वाली विचारधारा के रूप में चित्रित किया गया। लेकिन इस चर्चा में किसी भी हिंदू प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया, जिससे हिंदू समुदाय और अमेरिकी सांसदों में नाराजगी फैल गई।

सांसदों ने जताई कड़ी आपत्ति

कार्यक्रम से ठीक पहले चार अमेरिकी सांसदों — स्टैनफोर्ड बिशप, सुहास सुब्रमण्यम, रिच मैककॉर्मिक और श्री थानेदार — ने विश्वविद्यालय प्रशासन को एक संयुक्त पत्र भेजा।

उन्होंने लिखा कि यह पैनल “राजनीतिक रूप से प्रेरित और हिंदू छात्रों को अनुचित रूप से निशाना बनाने वाला” है। सांसदों ने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम से परिसर में असहिष्णुता का माहौल बन सकता है और हिंदू छात्रों को असुरक्षित महसूस हो रहा है।

विश्वविद्यालय को मिले 10,000 विरोध ईमेल

विवाद बढ़ने के बाद, एक हिंदू वकालत समूह ने खुलासा किया कि छात्रों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों ने 10,000 से अधिक ईमेल रटगर्स प्रशासन को भेजे।

इन ईमेल्स में प्रशासन से अपील की गई कि वह इस “हिंदूविरोधी” कार्यक्रम से दूरी बनाए। समूह ने यह भी कहा कि कार्यक्रम में अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हुए हालिया हमलों की अनदेखी की गई है।

दिसंबर 2023 से अब तक अमेरिका में सात हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं। कैलिफोर्निया समेत कई राज्यों में हिंदू विरोधी घटनाएं यहूदीविरोधी घटनाओं के बाद दूसरे स्थान पर हैं।

‘स्वस्तिक’ पर गलत तुलना को लेकर भी विवाद

कार्यक्रम के दौरान कुछ पैनलिस्टों ने दावा किया कि नाजी प्रतीक हेकेनक्रूज़ हिंदू स्वस्तिक से मेल खाता है।

इस पर कोहना (CoHNA) ने बयान जारी कर कहा — “ऐतिहासिक रूप से हिटलर ने अपने प्रतीक को हेकेनक्रूज़ कहा था, न कि स्वस्तिक। इस तरह की झूठी तुलना हिंदू प्रतीकों को कलंकित करती है।”

छात्रों ने किया शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन

रटगर्स के हिंदू छात्रों ने पैनल स्थल के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय की छात्र वेबसाइट The Daily Targum के अनुसार, कुछ संकाय सदस्य भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।

एक छात्र ने बताया — “हम किसी को रोकना नहीं चाहते थे, बस चाहते थे कि विश्वविद्यालय हमारे समुदाय को नकारात्मक रूप से न पेश करे। लेकिन प्रशासन ने हमारी चिंताओं को गंभीरता से नहीं लिया।”

रटगर्स के हिंदू पुजारी हितेश त्रिवेदी ने कहा — “हमने कभी कार्यक्रम रद्द करने की मांग नहीं की। हम सिर्फ यह चाहते थे कि विश्वविद्यालय का ब्रांड हिंदूविरोधी बयानबाजी का हिस्सा न बने।”

कार्यक्रम की रूपरेखा

इस पैनल चर्चा का संचालन रटगर्स लॉ स्कूल की प्रोफेसर सहर अजीज ने किया, जबकि मुख्य वक्ता थीं इतिहासकार और एशियाई अध्ययन निदेशक ऑड्रे ट्रुश्के, जो पहले भी हिंदू समुदाय से जुड़े बयानों को लेकर विवादों में रही हैं।

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